CG Paddy Procurement Center:धान खरीदी पर बड़ा एलान,एक हफ्ते में मिलेगा भुगतान…NV News 

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रायपुर/(CG Paddy Procurement Center): छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में धान खरीदी को लेकर अहम फैसला लिया गया है। राज्य सरकार ने तय किया है कि 15 नवंबर से 31 जनवरी 2026 तक प्रदेशभर में धान खरीदी की जाएगी। किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा और राशि एक सप्ताह के भीतर उनके खातों में जमा होगी।

इस खरीफ सीजन में राज्य के 25 लाख से अधिक किसानों से धान खरीदा जाएगा। किसान प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान बेच सकेंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि खरीदी की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और तकनीक आधारित होगी।

पंजीयन और तकनीकी व्यवस्था:

धान खरीदी के लिए किसानों को ई-केवाईसी और एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया 31 अक्टूबर 2025 तक पूरी की जा सकेगी। सरकार का कहना है कि इससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा और असली किसानों को ही लाभ मिलेगा।

धान खरीदी की निगरानी के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना मार्कफेड कार्यालय में की जाएगी। इसके अलावा सभी जिलों में कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे ताकि सीमावर्ती राज्यों से धान की अवैध आवक पर रोक लगाई जा सके।

 ‘टोकन तुंहर हाथ’ ऐप से मिलेगी सुविधा:

धान खरीदी को सुचारू और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने नया मोबाइल ऐप ‘टोकन तुंहर हाथ’ लॉन्च किया है। किसान इस ऐप से ऑनलाइन टोकन निकाल सकेंगे, जिससे समितियों में लगने वाली लंबी कतारों से उन्हें राहत मिलेगी। खरीदी केंद्रों पर किसानों की पहचान के लिए बायोमैट्रिक सत्यापन भी अनिवार्य किया गया है।

खरीदी केंद्र और व्यवस्थाएं:

प्रदेशभर में कुल 2739 धान खरीदी केंद्र बनाए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को प्रभारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा ताकि खरीदी में किसी तरह की गड़बड़ी न हो। साथ ही, खरीदी के दौरान नए और पुराने जूट बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।खराबी रहित धान खरीदी के लिए समितियों को ₹5 प्रति क्विंटल का प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।

केंद्र सरकार का लक्ष्य:

केंद्र सरकार ने इस बार सेंट्रल पूल के लिए खरीफ वर्ष 2025-26 में 73 लाख टन चावल लेने का लक्ष्य तय किया है। वहीं राज्य सरकार ने डिजिटल सर्वे के तहत 23 लाख हेक्टेयर कृषि रकबे का सर्वे पूरा कर लिया है। ग्राम सभाओं में इस सर्वे डेटा का पठन-पाठन भी कराया जा रहा है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

कांग्रेस का विरोध, सरकार का पलटवार:

कैबिनेट के फैसले पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि खरीदी की शुरुआत 15 नवंबर की बजाय 1 नवंबर से होनी चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार की ओर से दो बार एमएसपी बढ़ोतरी को देखते हुए राज्य सरकार को किसानों को ₹3,286 प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करना चाहिए।

इस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने किसानों से वादाखिलाफी की थी। वर्तमान सरकार किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है और धान का एक-एक दाना खरीदा जाएगा।

किसानों को बड़ी राहत:

सरकार का दावा है कि इस बार की खरीदी प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल, पारदर्शी और समयबद्ध होगी। किसानों को धान का उचित मूल्य, तय समय में भुगतान और खरीदी केंद्रों पर बेहतर सुविधा मिलेगी।

राज्य में यह निर्णय ऐसे समय आया है जब किसान खरीफ सीजन की फसल कटाई की तैयारी में हैं। 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी बल्कि राज्य में कृषि उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई गति देगी।

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