CG News: शिक्षक भर्ती ना होने पर सरकार से नाराज़ प्रशिक्षित बेरोजगारों की ‘व्यंग्यात्मक बारात’, डीएड-बीएड डिग्रीधारियों ने किया प्रतीकात्मक विवाह का ऐलान- NV News

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N.V.News रायपुर: छत्तीसगढ़ में 57,000 शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं ने इस बार आंदोलन का अनोखा और रचनात्मक तरीका चुना है। प्रदेश के डीएड और बीएड डिग्रीधारी युवा अब सरकार के वादों और घोषणाओं पर करारा व्यंग्य करते हुए प्रतीकात्मक “शिक्षक भर्ती विवाह” कार्यक्रम आयोजित करेंगे, जिसमें सरकार की गारंटी को लेकर बरात निकाली जाएगी।

इस आयोजन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनाव पूर्व गारंटियों के अधूरे वादों को जनता के सामने रचनात्मक रूप से उजागर करना है। प्रशिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि दो वर्षों में 57,000 और एक वर्ष में 33,000 शिक्षक भर्ती के जो वादे किए गए थे, वे अब तक केवल कागज़ों और भाषणों तक सीमित रह गए हैं। अब इस बेरोजगारी की पीड़ा को वे प्रतीकात्मक विवाह आयोजन के माध्यम से सामने लाएंगे।

आयोजन की थीम और व्यंग्यात्मक प्रस्तुति:

इस प्रतीकात्मक विवाह में डीएड और बीएड धारकों एवं  57000 शिक्षक भर्ती को “वर-वधू” के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

वर पक्ष के रूप में होंगे प्रशिक्षित बेरोजगार युवा – “सुपुत्र श्री गरीब मध्यम परिवार”

वधू पक्ष के रूप में होगी “57000 शिक्षक भर्ती”

सुपुत्र होगा – “छत्तीसगढ़ सरकार” और सुपौत्र – “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी”

इस आयोजन में माटी पूजन, देव पूजन, टिकावन, पाणिग्रहण, बारात प्रस्थान जैसे विवाह कार्यक्रमों को प्रतीकात्मक रूप से सरकार की नीतियों और घोषणाओं के साथ जोड़ा जाएगा।

कार्यक्रम की झलक:

माटी पूजन/चुलमाटी: 57,000 शिक्षक भर्ती दो साल के भीतर (2025 तक)

देव पूजन/देवतला: 33,000 शिक्षक भर्ती एक साल के भीतर (2024 तक)

चिकट हर्दियाही जुमलेबाजी: 4 इंजन के साथ चरणबद्ध भर्ती, जो 2028 तक भी पूरी नहीं हुई

पाणिग्रहण और टिकावन: भाजपा सरकार के नियत और वित्तमंत्री जी के अनुमति के अनुसार

बारात प्रदेश भाजपा कार्यालय, शदाणी दरबार के पास, रायपुर तक जाएगी। इस रैली में प्रशिक्षित बेरोजगार अपने हाथों में नारों, बैनरों और शादी की प्रतीकात्मक सामग्री के साथ शामिल होंगे। आयोजन को मीडिया और आम जनता के लिए खुला रखा जाएगा।

सरकार की गारंटी पर सवाल:

प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं का कहना है कि यह कोई मजाक नहीं, बल्कि चुनावी गारंटी की हकीकत का आईना है। विधानसभा चुनावों में भाजपा सरकार द्वारा की गई घोषणाएं अब तक ज़मीनी हकीकत से कोसों दूर हैं। युवाओं का यह भी कहना है कि यह आयोजन उनके दर्द और सरकार के रवैये के खिलाफ प्रतीकात्मक विद्रोह है।

आंदोलनकारियों ने यह भी बताया कि वे इस आयोजन से पहले कांवड़ यात्रा निकालने वाले हैं, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। उनका कहना है कि जब तक शिक्षक भर्ती की ठोस और पारदर्शी प्रक्रिया शुरू नहीं होती, वे शांत और रचनात्मक तरीकों से आंदोलन जारी रखेंगे।

छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित शिक्षक संघ की यह पहल अब राज्य में शिक्षक भर्ती को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है और सरकार की गारंटी पर विश्वास की पड़ताल भी।

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