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N.V.News बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में रेत माफियाओं के दुस्साहस ने कानून व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। रविवार रात सनावल थाना क्षेत्र के ग्राम लिबर में कनहर नदी से हो रहे अवैध रेत खनन की सूचना पर पुलिस टीम कार्रवाई के लिए पहुंची थी। इसी दौरान सनावल थाने में पदस्थ आरक्षक शिव बचन सिंह (43) ने एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की, लेकिन ट्रैक्टर चालक ने वाहन नहीं रोका और उन्हें कुचलते हुए फरार हो गया।
घटना इतनी गंभीर थी कि आरक्षक को सीने में गंभीर अंदरूनी चोटें आईं। घायल आरक्षक को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। घटना के बाद से आरोपी चालक ट्रैक्टर लेकर फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
यह घटना रेत तस्करी के बढ़ते प्रभाव और पुलिस प्रशासन की कमजोर पकड़ को उजागर करती है। जिस प्रदेश में “सुशासन” की सरकार होने का दावा किया जा रहा है, वहां खनन माफिया इतने बेखौफ हो गए हैं कि अब वे पुलिसकर्मियों की जान लेने से भी नहीं डर रहे। यह घटना उन लोगों के लिए करारा तमाचा है जो यह मानते हैं कि सरकार रेत माफियाओं पर नियंत्रण रखने में सफल हो रही है।
बलरामपुर की यह घटना कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि राज्य भर में रेत माफियाओं की ताकत और प्रशासनिक उदासीनता की कड़वी सच्चाई है। यदि अब भी प्रशासन ने सख्त कार्रवाई नहीं की, तो कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होने का खतरा है।
शहीद आरक्षक शिव बचन सिंह को न्याय दिलाने और रेत तस्करों पर लगाम कसने की मांग अब और भी तेज़ हो गई है। क्या सरकार इस बार कोई ठोस कदम उठाएगी, या फिर ये घटना भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दबी रह जाएगी?