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N.V.News रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में संचालित बाल देख-रेख संस्थाओं से बाहर जाने वाले बालक-बालिकाओं के पुनर्वास के लिए इस साल बजट में बड़ा निर्णय लेते हुए उनके लिए मुख्यमंत्री बाल उदय योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है। यह योजना प्रदेश के बाल गृहों से बाहर जाने वाले बच्चों के भावी जीवन के लिए सही राह दिखाकर उन्हें स्वावलंबन में मदद करेगी। इसके लिए बजट में 01 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही बाल संप्रेक्षण गृह से बाहर जाने की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करते हुये पुनर्वास योजना बनाई गई है ।
योजना के तहत बाल देख-रेख संस्थाओं से बाहर जाने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के बालक-बालिकाओं को पुनर्वासित और पुनर्स्थापित करने के लिए राज्य सरकार सहयोग देगी। पहले पुनर्वास केंद्र से बाहर जाने वाले कई बच्चों के सामने आवास,रोजगार सहित समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर आगे बढ़ने में कई तरह की दिक्कतें आती थी। इन परिस्थितियों में कई बार बच्चे अपराध की ओर भी अपने कदम बढ़ा लेते हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन बच्चों के लिए एक संवेदनशील पहल की है। मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया के नेतृत्व में बाल गृह से बाहर जाने वाले बालक-बालिकाओं को पुनर्वासित और पुनर्स्थापित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।