CG Mahadev App Scam: SC का सख्त रुख! ‘महादेव ऐप भगोड़े को किसी भी हाल में पकड़ो’– ईडी को आदेश…NV News 

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नई दिल्ली/(CG Mahadev App Scam): महादेव बेटिंग ऐप घोटाले में फरार सह-संस्थापक रवि उप्पल पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को निर्देश दिया कि,आरोपी की लोकेशन का जल्द से जल्द पता लगाकर उसे गिरफ्तार किया जाए। कोर्ट ने टिप्पणी की कि, “ऐसे व्हाइट कॉलर अपराधी अब जांच एजेंसियों से खेल नहीं सकते।”

यह आदेश उस समय आया जब उप्पल ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने याचिका खारिज करते हुए साफ कहा कि, अब मामला गंभीर मोड़ पर है और न्यायपालिका को कार्रवाई करनी ही होगी।

दुबई से भी फरार हुआ आरोपी:

ईडी की जानकारी अनुसार, रवि उप्पल लंबे समय से दुबई में रह रहा था। लेकिन जैसे ही भारत ने उसके प्रत्यर्पण (extradition) की प्रक्रिया शुरू की, वह वहां से भी फरार हो गया। एजेंसियों के पास फिलहाल उसकी लोकेशन को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच – जस्टिस एम.एम. सुंद्रेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा – ने ईडी को कहा कि उप्पल की पहुंच काफी बड़ी है, इसलिए वह लगातार जगह बदल रहा है। अदालत ने एजेंसी को आदेश दिया कि, वह उसे ढूंढ निकालने के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय चैनल और सहयोगी एजेंसियों की मदद ले।

याचिका खारिज, अदालत का सख्त संदेश:

रवि उप्पल ने मार्च 2024 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा जारी समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 22 मार्च को हाईकोर्ट ने महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उप्पल को पेश होने का निर्देश दिया था। लेकिन वह लगातार पेशी से बचता रहा और अब फरार है।

सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा,“यह एक चौंकाने वाला मामला है। आरोपी न सिर्फ भारतीय कानून से बल्कि अंतरराष्ट्रीय नियमों से भी खेल रहा है। अदालत अब हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकती।”

ईडी का पक्ष और कोर्ट की प्रतिक्रिया:

अदालत में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने बताया कि, रवि उप्पल को 2023 में दुबई में हिरासत में लिया गया था, लेकिन वह जेल से फरार हो गया।इस पर जस्टिस सुंद्रेश ने कहा, “वह हर बार भाग नहीं सकता। अंततः उसे इस प्रक्रिया का हिस्सा बनना ही पड़ेगा।”

कोर्ट ने यह भी कहा कि, फिलहाल जमानत पर कोई विचार नहीं किया जाएगा, लेकिन जब आरोपी सामने आएगा, तब कानून के अनुसार राहत पर विचार संभव है।

महादेव ऐप घोटाला, क्या है पूरा मामला:

महादेव बेटिंग ऐप एक ऑनलाइन सट्टेबाज़ी नेटवर्क है, जिसके जरिए देशभर में हजारों करोड़ रुपए के लेन-देन किए गए बताए जाते हैं। ईडी का आरोप है कि इस ऐप के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और विदेशी निवेश कानूनों का उल्लंघन हुआ।

ईडी की जांच में सामने आया है कि यह ऐप भारत के बाहर से संचालित किया जा रहा था ताकि भारतीय कानूनों से बचा जा सके।रवि उप्पल और उसका साथी सौरभ चंद्राकर इस नेटवर्क के कथित मास्टरमाइंड हैं।

दोनों पर आरोप है कि,उन्होंने सट्टेबाज़ी से कमाए गए अवैध पैसे को फर्जी कंपनियों और विदेशी खातों के जरिए वैध दिखाने की कोशिश की। ईडी ने इस मामले में कई फिल्मी हस्तियों और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों से भी पूछताछ की है, क्योंकि आरोप है कि ऐप के प्रमोशन और इवेंट्स में भारी धनराशि खर्च की गई थी।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी का असर:

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब ईडी और अन्य एजेंसियों पर रवि उप्पल को पकड़ने का दबाव बढ़ गया है।कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट की सख्त टिप्पणी से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का सहयोग भी तेज़ होगा।

एक वरिष्ठ वकील के अनुसार, “यह फैसला व्हाइट कॉलर अपराधियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है – कानून से भागने वालों को अब वैश्विक स्तर पर भी छिपने की जगह नहीं मिलेगी।”

महादेव ऐप घोटाले ने देश में ऑनलाइन सट्टेबाज़ी और डिजिटल मनी ट्रेल की चुनौतियों को उजागर किया है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश न केवल इस केस में नई दिशा तय करेगा, बल्कि भविष्य में ऐसे अपराधों पर भी अंकुश लगाने में मददगार साबित हो सकता है।

रवि उप्पल के खिलाफ अब इंटरपोल नोटिस और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेड कॉर्नर अलर्ट जारी करने की संभावना है।कानून का शिकंजा कसता जा रहा है – कानून अब देखना यह है कि ईडी इस भगोड़े तक कब और कैसे पहुंच पाती है।

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