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NV News रायपुर: Chhattisgarh Lok Sabha Chunav 2024: छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का लोकसभा चुनाव में संसदीय क्षेत्रों में 384 प्रत्याशियों के मैदान में उतारने का प्लान विफल हो गया है। लोकसभा के चुनावी समर में प्रदेश की सबसे हाट सीट माने जाने वाली राजनांदगांव सीट से केवल 23 प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल होने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री भी अब अपने बयान से कन्नी काटने लगे हैं। इससे पहले हर बैठक, सभा और सम्मेलन में अपनी बातों को दोहराते थे।
Chhattisgarh Lok Sabha Chunav 2024
राजनांदगांव लोकसभा सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिले के अंतिम तिथि से एक दिन पूर्व 210 लोगों ने नामांकन फार्म लेकर प्रशासन को सकते में डाल दिया था। माना जा रहा था कि अंतिम दिन चार अप्रैल को 200 लोगों की ओर से नामांकन फार्म जमा किया जाएगा। 385 से अधिक प्रत्याशी लोकसभा सीट पर होंगे, लेकिन अंतिम दिन नामांकन दाखिल करने के लिए फार्म लेने वाले लोग नहीं पहुंचे। पहले और दूसरे चरण में होने वाले चार संसदीय सीटों में से किसी पर भी पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का प्लान सफल नहीं हुआ है। हालांकि, सात संसदीय सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया बची हुई है।
बघेल ने कहा था, बैलेट पेपर से चुनाव के लिए 384 से अधिक प्रत्याशी करें नामांकन
बताते चलें कि राजनांदगांव से लोकसभा प्रत्याशी भूपेश बघेल ने विगत दिनों दुर्ग लोकसभा के पाटन में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में लोकसभा चुनाव के नियम बताते हुए कहा था कि यदि एक सीट से 384 से अधिक प्रत्याशी हुए तो वहां बैलेट पेपर से चुनाव होगा। ऐसे में कांग्रेस की जीत निश्चित है। बैलेट पेपर से चुनाव हुआ तो भाजपा की असलियत सामने आ जाएगी।
Chhattisgarh Lok Sabha Chunav 2024
कार्यकर्ता भी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करें। यदि किसी सीट से 384 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में होंगे तो चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से मतदान कराना होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा नामांकन करने का संकल्प भी दिलाया था। पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद सियासी घमासान मच गया था। प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बैलेट और ईवीएम से चुनाव कराने को लेकर बहस छिड़ गई थी।
चुनाव आयोग तक पहुंची थी भाजपा
भूपेश बघेल के बयान के बाद सियासी घमासान मच गया था। भाजपा इसके खिलाफ चुनाव आयोग पहुंच गई थी। भाजपा ने आरोप लगाया था कि भूपेश बघेल ईवीएम खिलाफ भड़का रहे हैं। भूपेश बघेल के बयान पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरूण साव समेत भाजपा के पदाधिकारियों ने तंज कसा था।
दुर्ग जिले के भाजपा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार ने आरोप लगाया था कि भूपेश बघेल ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग के खिलाफ भड़काऊ बयान जारी किया है और चुनाव प्रक्रिया को अनुचित रूप से प्रभावित करने की कोशिश की है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा था कि भूपेश बघेल हार के बहाने तलाश रहे हैं। जब ईवीएम से वर्ष-2018 में उनकी सरकार बनी, तब मुख्यमंत्री बनने राज्यपाल के पास पहुंच गए थे।
दूसरे चरण में होना है मतदान
नक्सल प्रभावित वाली सीटें राजनांदगांव, कांकेर और महासमुंद में 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होगा। तीन लोकसभा सीटों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित 52 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। राजनांदगांव से 23, महासमुंद से 19 और कांकेर से 10 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। नामांकन वापसी का अंतिम दिन आठ अप्रैल है। दूसरे चरण के तीनों सीटें लोकसभा चुनाव-2019 में भाजपा के पाले में गईं थी। प्रदेश में 11 लोकसभा सीटों के लिए तीन चरण में चुनाव होने हैं। पहले चरण के अंतर्गत 19 अप्रैल को मतदान बस्तर में होगा।
ईवीएम शत-प्रतिशत सुरक्षित
देश में जिस दिन लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा की गई थी, उसी दिन ईवीएम पर सवाल पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कुछ पंक्तियां सुनाते हुए कहा था कि अधूरी हसरतों का इल्जाम, हर बार हम पर लगाना ठीक नहीं, वफा खुद से नहीं होती, खता ईवीएम की कहते हो। उन्होंने कहा कि जब परिणाम पक्ष में आते हैं, तब उस बात पर कायम भी नहीं रहते। उन्होंने कहा था कि ईवीएम शत-प्रतिशत सुरक्षित और सही है।