CG Liquor Scam: दिवाली जेल में! भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की रिमांड फिर बढ़ी…NV News

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रायपुर/(CG Liquor Scam): छत्तीसगढ़ के चर्चित 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ा अपडेट सामने आया है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड 14 दिनों के लिए और बढ़ा दी गई है। रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया, जिसके बाद अब चैतन्य बघेल 29 अक्टूबर तक जेल में रहेंगे। इसका मतलब है कि इस बार उनकी दिवाली जेल की सलाखों के पीछे ही बीतेगी।
ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने कोर्ट में बताया कि जांच के दौरान चैतन्य बघेल से कई अहम जानकारियां मिली हैं, जो केस की जड़ तक पहुंचने में मददगार साबित हो सकती हैं। हालांकि एजेंसी ने अभी चार्जशीट दाखिल नहीं की है। पहले 13 अक्टूबर तक का समय मांगा गया था, लेकिन तय अवधि में चार्जशीट तैयार नहीं हो सकी। इसके बाद कोर्ट ने 15 अक्टूबर तक की मोहलत दी थी, मगर अब तक दस्तावेज पेश नहीं किए जा सके।
सूत्रों के अनुसार, ईओडब्ल्यू चैतन्य बघेल और उनसे जुड़े कारोबारों की वित्तीय लेन-देन की गहराई से जांच कर रही है। एजेंसी का दावा है कि पूछताछ के दौरान कुछ नए नाम और फंड ट्रेल के लिंक सामने आए हैं। संभावना है कि चार्जशीट दाखिल होने के बाद कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
गौरतलब है कि चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर शराब घोटाले से जुड़े सिंडिकेट से करीब 16.70 करोड़ रुपये की अवैध राशि प्राप्त की। ईडी के अनुसार, इस रकम को बाद में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर वैध (वाइट) दिखाया गया।
एजेंसी ने अपनी शुरुआती जांच में दावा किया था कि, इस शराब घोटाले के जरिए करीब 1,000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई। घोटाले में शामिल लोगों ने राज्य में शराब की बिक्री और वितरण व्यवस्था के माध्यम से अवैध कमाई की, जिसे बाद में संपत्तियों और कंपनियों में निवेश कर वैध रूप देने की कोशिश की गई।
राजनीतिक हलकों में चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद से ही हलचल तेज है। विपक्ष इस मामले को लेकर लगातार भूपेश बघेल पर निशाना साध रहा है, वहीं कांग्रेस इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” करार दे रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार विरोधियों को निशाना बना रही है और ईडी व ईओडब्ल्यू का दुरुपयोग कर रही है।
दूसरी ओर, सरकार और जांच एजेंसियों का कहना है कि,यह कार्रवाई पूरी तरह सबूतों पर आधारित है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “हमारे पास पर्याप्त वित्तीय दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य हैं, जिनसे स्पष्ट होता है कि शराब सिंडिकेट ने अवैध कमाई की थी और उसे वैध दिखाने के लिए कई स्तरों पर हेराफेरी की गई।”
फिलहाल कोर्ट ने चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड 14 दिन बढ़ाकर 29 अक्टूबर तक कर दी है। अब एजेंसी को उम्मीद है कि चार्जशीट दाखिल करने से पहले कुछ और साक्ष्य जुटा लिए जाएंगे।
राज्य में इस घोटाले का असर राजनीतिक रूप से भी गहराता जा रहा है। कांग्रेस जहां इसे केंद्र की “राजनीतिक साजिश” बता रही है, वहीं भाजपा इसे “राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक अपराध” कह रही है।
अब सभी की निगाहें 29 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि चैतन्य बघेल को आगे राहत मिलेगी या जांच एजेंसियां और सख्ती दिखाएंगी।