CG Liquor Scam: चैतन्य बघेल 13 दिन की रिमांड पर, अब EOW करेगी पूछताछ…NV News

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रायपुर/(CG Liquor Scam): छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद अब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने भी उन्हें अपने केस में गिरफ्तार किया है। विशेष कोर्ट ने चैतन्य को 13 दिन की पुलिस रिमांड पर ईओडब्ल्यू को सौंपा है।
कोर्ट से मिली 6 अक्टूबर तक रिमांड:
बुधवार को चैतन्य बघेल को रायपुर सेंट्रल जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया। ईओडब्ल्यू ने पहले ही उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रोडक्शन वारंट की अर्जी दी थी। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलों के बाद कोर्ट ने चैतन्य को 6 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर देने का आदेश दिया।
इससे पहले चैतन्य के वकील ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे विशेष कोर्ट में सुनवाई योग्य माना। बाद में स्पेशल कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने जुलाई में किया था गिरफ्तार:
ईडी ने 18 जुलाई 2025 को चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि लगभग 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। इस रकम को कथित तौर पर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाया गया और फर्जी निवेश व लेन-देन दिखाकर काले धन को सफेद बनाने की कोशिश की गई।ईडी की जांच के बाद चैतन्य को रायपुर जेल भेजा गया था।
अनवर ढेबर का करीबी दीपेन चावड़ा भी गिरफ्त में:
घोटाले में फंसे अनवर ढेबर के करीबी सहयोगी दीपेन चावड़ा को भी ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया है। दीपेन को हाल ही में कस्टम मिलिंग घोटाला केस में गिरफ्तार कर सात दिन की रिमांड पर लिया गया था।
ईओडब्ल्यू की पूछताछ के दौरान पूर्व IAS निरंजन दास, नितेश और यश पुरोहित ने दीपेन का नाम लिया। इसके बाद एजेंसी ने उसे शराब घोटाले में भी गिरफ्तार कर 29 सितंबर तक रिमांड पर लिया है। अब उससे घोटाले की पूरी साजिश और पैसों के लेन-देन को लेकर पूछताछ की जाएगी।
अवधेश यादव पर भी शिकंजा:
छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा के करीबी शराब कारोबारी अवधेश यादव को भी इस घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। जांच एजेंसियां अवधेश से घोटाले में उसकी भूमिका और नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटा रही हैं।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला:
जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह घोटाला 3,200 करोड़ रुपये से अधिक का है। आरोप है कि शराब की खरीद-फरोख्त, कमीशन और ठेकों के आवंटन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। इससे जुड़ी रकम को फर्जी कंपनियों और प्रोजेक्ट्स के जरिए वैध दिखाने की कोशिश की गई।इस मामले में अब तक कई बड़े नाम सामने आ चुके हैं, जिनमें पूर्व IAS, कारोबारी और राजनीतिक हस्तियां शामिल हैं।