“CG Liquor Scam”: बड़ा एक्शन,EOW की नजर 28 अफसरों पर…NV News

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Raipur (CG):प्रदेश का सबसे बड़ा और बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपए का शराब घोटाला (CG Liquor Scam)अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। राज्य आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस मामले में आबकारी विभाग के 28 अधिकारियों की गिरफ्तारी(Officers Arrested)की तैयारी तेज कर दी है। अदालत से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अब इन अधिकारियों पर किसी भी समय शिकंजा कस सकता है।
15 बड़े नाम पहले से बंदी हैं जेल में:
इस घोटाले की जांच में पहले ही कई बड़े चेहरे सलाखों के पीछे हैं। इनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, सेवानिवृत्त IAS अनिल टूटेजा और होटल कारोबारी अनवर ढेबर जैसे चर्चित नाम शामिल हैं। फिलहाल ये सभी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। कुल मिलाकर अब तक 15 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं।
कोर्ट ने खारिज की जमानत:
ईओडब्ल्यू(EOW)ने चार्जशीट दाखिल करने के बाद सभी आरोपित अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए अधिकारियों ने पिछले महीने विशेष न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए पूछताछ में सहयोग का वादा किया था और स्वास्थ्य कारणों का हवाला भी दिया। लेकिन अदालत ने उनकी दलीलें खारिज कर दीं। इसके बाद अब ईओडब्ल्यू इनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी में है।
किन-किन अधिकारियों पर केस दर्ज?
ईओडब्ल्यू(EOW)की जांच में जो 28 अधिकारी निशाने पर हैं, उनमें आबकारी अधिकारी प्रमोद नेताम, नीतू नोतानी, एलएस ध्रुव, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, अरविंद पाटले, दिनकर वासनिक, नोहर ठाकुर, नवीन तोमर, विकास गोस्वामी, रामकृष्ण मिश्रा, मंजूश्री कसेर, विजय सेन, मोहित जायसवाल, गंभीर सिंह नुरूटी, नीतिन खंडुजा, अश्वनी अनंत, अनंत सिंह, सोनल नेताम, गरीब पाल सिंह, सौरभ बक्शी, जेठूराम मंडावी, देवलाल वैद्य, प्रकाश पाल, आशीष कोसम और राजेश जायसवाल जैसे नाम शामिल हैं।
70 से ज्यादा पर आ चुकी है आंच:
अब तक की जांच में ईओडब्ल्यू कुल 70 लोगों को आरोपित बना चुका है। इनमें आबकारी अधिकारियों के अलावा आठ डिस्टलरी संचालक भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, कई अन्य संदिग्धों की भूमिका की गहन पड़ताल जारी है और जल्द ही नए नाम भी सामने आ सकते हैं।
राजनीतिक (Political)हलचल तेज:
28 अधिकारियों की संभावित गिरफ्तारी को लेकर विभागीय और राजनीतिक(political) हलकों में खलबली मची हुई है। विपक्ष लगातार कांग्रेस शासनकाल(Congress Rule Scam) में हुए इस घोटाले को लेकर हमलावर है। वहीं सत्ता पक्ष इस बात पर जोर दे रहा है कि भ्रष्टाचार (Corruption)में लिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
अब आगे क्या?
ईओडब्ल्यू की अगली कार्रवाई के तहत कुछ अधिकारियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी ताकि घोटाले की जड़ों तक पहुंचा जा सके। जांच एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले से सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है और इसमें बड़े स्तर पर राजनीतिक संरक्षण भी मिला।