CG Land Valuation Rules: नई दरों के साथ रजिस्ट्री अब होगी पारदर्शी, पुराने मकानों पर छूट…NV News

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रायपुर/(CG Land Valuation Rules): छत्तीसगढ़ में अब जमीन और मकान की खरीद-बिक्री के नियम पहले से ज्यादा पारदर्शी और आसान हो गए हैं। छत्तीसगढ़ केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन दरें जारी कर दी हैं, जो पूरे प्रदेश में लागू होंगी। इन नई दरों से संपत्ति की कीमत तय करने का तरीका पूरी तरह बदल गया है। अब जमीन का मूल्यांकन उसके आकार, स्थिति, उपयोग और आसपास की सुविधाओं के आधार पर किया जाएगा।

अब जमीन की कीमत ऐसे तय होगी:

• नई गाइडलाइन के तहत अब जमीन की कीमत उसके रकबे (एरिया) पर निर्भर करेगी।

• शहरी क्षेत्र में अगर भूमि 0.140 हेक्टेयर (करीब 15069 वर्गफीट) तक है, तो उसकी कीमत उस इलाके की प्रति वर्गमीटर दर से तय की जाएगी।

• अगर जमीन इससे अधिक है, तो पहले 0.140 हेक्टेयर तक की दर वर्गमीटर के हिसाब से और बाकी भूमि की कीमत प्रति हेक्टेयर दर से तय होगी।

• उदाहरण के लिए, किसी इलाके की दर 200 रुपये प्रति वर्गमीटर और 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर है, तो 0.405 हेक्टेयर भूमि का मूल्य इस तरह निकलेगा –

पहले 0.140 हेक्टेयर का मूल्य ₹2,80,000 (200 रुपये प्रति वर्गमीटर) और शेष 0.265 हेक्टेयर का ₹2,65,000 (10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर दर से)। यानी कुल मूल्य ₹5,45,000 तय होगा।

ओवरब्रिज के नीचे और असिंचित जमीन होगी सस्ती:

• नई नीति में कुछ विशेष परिस्थितियों में कीमत में रियायत दी गई है।

• ओवरब्रिज या फ्लाईओवर के नीचे स्थित संपत्तियों की कीमत अब 20% कम होगी।

• वहीं, असिंचित जमीन (जहां सिंचाई की सुविधा नहीं है) की दर भी सिंचित भूमि की तुलना में 20% कम तय की गई है।

इससे किसानों और छोटे निवेशकों को राहत मिलेगी।

मुख्य सड़क से जुड़ाव बढ़ाएगा कीमत: 

• अब संपत्ति का मूल्य सड़क से दूरी पर भी निर्भर करेगा।

• शहरी क्षेत्रों में मुख्य मार्ग से 20 मीटर के दायरे में आने वाली जमीन को “सड़क से लगी” मानी जाएगी।

• ग्रामीण इलाकों में यह दूरी 50 मीटर रखी गई है।

मुख्य सड़कें वे मानी जाएंगी जो राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग, मुख्य जिला मार्ग, पीएम ग्राम सड़क, या 18 मीटर (60 फीट) से चौड़ी हों।

परिवार बनाम गैर-परिवार खरीदारों के लिए नया नियम:

अगर किसी जमीन को कई खरीदार मिलकर खरीदते हैं, तो अब मूल्यांकन प्रत्येक खरीदार के हिस्से के अनुसार किया जाएगा।

हालांकि, यदि खरीदार एक ही परिवार के सदस्य हैं (जैसे माता-पिता, पति-पत्नी, भाई-बहन, बेटे-बेटियां, पोते-पोतियां या नाती-नातिन), तो उन्हें एक इकाई माना जाएगा।

व्यावसायिक संपत्तियों पर मूल्य वृद्धि:

व्यवसायिक या औद्योगिक भूमि पर नई गाइडलाइन के तहत 25% अतिरिक्त मूल्य लागू होगा, खासकर यदि संपत्ति मुख्य मार्ग से अंदर स्थित है।

फैक्ट्री, उद्योग, पेट्रोल पंप जैसी संपत्तियों का मूल्यांकन अब वैल्यूअर की रिपोर्ट या वास्तविक बिक्री मूल्य में से जो अधिक होगा, उस पर आधारित होगा।

पुराने मकानों पर छूट:

पुराने मकानों की बिक्री पर खरीदारों को राहत दी गई है। भवन की उम्र के अनुसार 10 से 20 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। इससे पुराने घरों की रजिस्ट्री सस्ती पड़ेगी। इसके अलावा, खुली छत (ओपन टैरेस) का मूल्य अब प्लॉट दर का 70% माना जाएगा।

गैर-आवासीय भवनों के लिए नया फार्मूला:

रजिस्ट्री के समय अब संपत्ति का भूमि मूल्य और निर्माण मूल्य जोड़कर कुल बाजार मूल्य तय किया जाएगा।

हॉस्पिटल, स्कूल, होटल, रेस्टोरेंट जैसी संपत्तियों को गैर-आवासीय श्रेणी में रखा गया है। इन पर आवासीय संपत्तियों की तुलना में दरें अधिक होंगी।

खरीद-बिक्री के 5 जरूरी नियम:

1.रकबा 0.140 हेक्टेयर से कम – तो वर्गमीटर दर लागू।

2.सड़क से दूरी 20 या 50 मीटर के भीतर – तो मूल्य बढ़ेगा।

3.पुराने भवनों पर – 10-20% तक छूट।

4.असिंचित जमीन – सिंचित से 20% सस्ती।

5.सड़क का नाम और दूरी दर्ज करना अनिवार्य, गलत मूल्यांकन पर जुर्माना लग सकता है।

नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी:

मुख्य पंजीयक विनोज कोचे ने बताया कि, नई दरें और नियम सोमवार से पूरे प्रदेश में लागू होंगे। इसके लिए रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर को भी अपडेट किया गया है। उनका कहना है कि, इससे न केवल राजस्व बढ़ेगा, बल्कि आम नागरिकों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि अब मूल्यांकन अधिक स्पष्ट और न्यायसंगत होगा।

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