CG Land Registry Update: रजिस्ट्री दरों में उछाल,मध्यम वर्ग पर दोहरी मार…NV News

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रायपुर/(CG Land Registry Update): छत्तीसगढ़ में जमीन और मकानों की रजिस्ट्री के लिए लागू की गई नई गाइडलाइन दरों ने संपत्ति बाजार में अचानक हलचल पैदा कर दी है। कई जिलों में गाइडलाइन मूल्य 20 प्रतिशत से लेकर कई गुना तक बढ़ा दिए गए हैं, जिसके चलते रजिस्ट्री पर लगने वाला खर्च सीधे-सीधे बढ़ गया है। सबसे ज्यादा असर मध्यम वर्ग और पहली बार घर खरीदने वालों पर पड़ रहा है।

रायपुर समेत विभिन्न जिलों में सोमवार को नागरिकों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और रायपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इस वृद्धि का कड़ा विरोध किया। प्रतिनिधियों का कहना है कि, 11 नवंबर को प्रकाशित भू-राजस्व संहिता संशोधन और 20 नवंबर से लागू गाइडलाइन दरें न केवल कानूनी रूप से सवालों के घेरे में हैं, बल्कि आम जनता पर अतिरिक्त कर बोझ भी डालती हैं। उनका आरोप है कि, नई पुस्तिका में संपत्तियों के दाम कई जगह दोगुने से अधिक कर दिए गए हैं, जो वास्तविक बाजार दरों से मेल नहीं खाते।

नई दरों का सीधा असर रजिस्ट्री टैक्स पर पड़ा है। उदाहरण के तौर पर 100 वर्गफुट की रजिस्ट्री, जो पहले 52,500 रुपये में होती थी, अब 5,25,000 रुपये तक पहुंच गई है। 1500 से 2500 वर्गफुट तक के प्लॉट्स पर भी टैक्स पहले की तुलना में कई गुना बढ़ गया है।

अधिकारियों का कहना है कि, भारतमाला प्रोजेक्ट में सामने आए अनियमितताओं के बाद अब 15,000 वर्गफुट तक की जमीन की रजिस्ट्री वर्गमीटर में और उससे अधिक क्षेत्र की गणना हेक्टेयर दर पर की जाएगी। उनके अनुसार इससे बड़े भूभागों की खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता बढ़ेगी, लेकिन रियल एस्टेट डेवलपर्स इसे अत्यधिक महंगा बता रहे हैं। उनका कहना है कि नई पद्धति के कारण कई जगह 75 लाख की जमीन का मूल्यांकन अब 1.87 करोड़ तक पहुंच गया है।क्रेडाई प्रदेशाध्यक्ष पंकज लाहोटी का कहना है कि, वे पूरे मामले का अध्ययन कर शासन को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।

कांग्रेस सरकार ने पहले गाइडलाइन दरों पर 30 प्रतिशत की छूट दी थी, लेकिन पंजीयन शुल्क 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया था। भाजपा सरकार द्वारा छूट समाप्त करने और अब नई गाइडलाइन लागू होने के बाद खरीदारों पर दोहरा असर पड़ रहा है।

नई दरों ने आम नागरिकों के लिए जमीन खरीदना और मकान बनाना काफी महंगा कर दिया है। प्रतिनिधि मंडल ने सरकार से मांग की है कि,जनता पर बढ़ता आर्थिक बोझ रोकने के लिए गाइडलाइन दरों की तुरंत समीक्षा की जाए।

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