CG Illegal Liquor Scam: रिश्वतखोरों को पकड़ने ACB-EOW का मेगा एक्शन, भ्रष्टाचार पकड़ने वाला अफसर खुद जांच के घेरे में…NV News
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रायपुर/(CG Illegal Liquor Scam): छत्तीसगढ़ में 3,200 करोड़ के शराब घोटाले और 100 करोड़ के डीएमएफ घोटाले की जांच में एसीबी–ईओडब्ल्यू ने रविवार तड़के एक और बड़ी कार्रवाई की। टीमों ने रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा, दुर्ग, बस्तर और बलरामपुर समेत कई जिलों में 19 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई में नौकरशाह, व्यापारी और ठेकेदार जांच के दायरे में आए हैं।
अंबिकापुर में पशुपालन विभाग के अधिकारी के घर छापा:
सबसे चर्चा में रहे डॉ. तनवीर अहमद, जो फिलहाल गौरेला–पेंड्रा–मरवाही में उपसंचालक पशुपालन हैं और लंबे समय तक अंबिकापुर में पशु चिकित्सा अधिकारी रहे। दिलचस्प यह रहा कि,वे वही अधिकारी हैं जो एसीबी की कार्रवाई में सरकारी प्रतिनिधि के रूप में रिश्वतखोरों को पकड़ने में टीम के साथ जाते थे।
अब उन्हीं के अंबिकापुर स्थित घर पर एसीबी–ईओडब्ल्यू ने सुबह ही तलाशी शुरू कर दी। अधिकारियों ने उनके निवास से दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और विभागीय लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए। डीएमएफ घोटाले के दौरान पशुपालन विभाग में किए गए कई कार्यों में अनियमितताओं की शिकायतें पहले से ही जांच में थीं।
व्यापारियों पर भी शिकंजा:
अंबिकापुर में ही दूसरी कार्रवाई पार्क रेजिडेंसी में व्यवसायी अमित अग्रवाल के घर हुई। अग्रवाल डीएमएफ प्रोजेक्ट्स से जुड़े सप्लाई कार्य करते रहे हैं और कई पुराने बिल भुगतान मामले जांच में हैं।
तीसरी बड़ी छापेमारी बलरामपुर जिले के राजपुर में व्यवसायी मनोज अग्रवाल के ठिकानों पर की गई। वे बोर खनन और सप्लाई से जुड़े बड़े ठेकेदार माने जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि, विभागीय भुगतान और टेंडर प्रोसेस में गड़बड़ी की जांच के चलते यह कार्रवाई की गई।
बिलासपुर में टुटेजा के भाई के घर दबिश:
शराब घोटाले में पहले से चर्चा में रहे रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बिलासपुर स्थित उनके भाई अशोक टुटेजा के घर एसीबी की टीम ने सुबह से छानबीन की और दोपहर तक दस्तावेज खंगालती रही।
जांच एजेंसियों को शक है कि, घोटाले की रकम रिश्तेदारों और नजदीकी व्यापारियों के जरिए घुमाई गई। शहर के कुछ और व्यापारियों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई गई है।
जगदलपुर में पूर्व आबकारी आयुक्त के घर टीम पहुँची:
जगदलपुर में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास के घर एसीबी ने सुबह 6 बजे दबिश दी और करीब आठ घंटे तलाशी चली। मकान से लैपटॉप, मोबाइल और कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए।
निरंजन दास पहले से ही शराब घोटाले में ईडी और ईओडब्ल्यू की जांच का हिस्सा हैं। बस्तर संभाग में दूसरी टीम ने कोंडागांव के व्यापारी कोर्णाक जैन की फर्म चोपड़ा मेटल पर भी कार्रवाई की और रिकॉर्ड कब्जे में लिया।
क्या तलाश कर रही है जांच एजेंसी?:
सभी स्थानों से मिले दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल फोन और डिजिटल रिकॉर्ड को रायपुर मुख्यालय भेजा गया है। भुगतान, सप्लाई, सामग्री खरीद और विभागीय प्रस्तावों से जुड़े कागजात की मैचिंग की जा रही है।
इस पूरे अभियान का नेतृत्व रायपुर और अंबिकापुर से पहुंचे अधिकारियों-डीएसपी अजितेश सिंह और निरीक्षक केशवनारायण आदित्य ने किया।
क्यों बढ़ी कार्रवाई?:
दरअसल, पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए 3,200 करोड़ के आबकारी घोटाले और डीएमएफ फंड में भारी अनियमितताओं की जांच अब निर्णायक मोड़ पर है। कई विभागों के ठेके, बिल भुगतान और सप्लाई सिस्टम में गड़बड़ी के नए इनपुट मिलने के बाद यह छापेमारी की गई।
इस ऑपरेशन ने साफ कर दिया है कि, जांच एजेंसियां अब उन लोगों तक भी हाथ बढ़ा रही हैं, जो कभी एसीबी के साथ भ्रष्टाचार पकड़ने में शामिल रहते थे। अधिकारियों से लेकर बड़े व्यापारियों तक-जांच का दायरा लगातार बढ़ रहा है।आने वाले दिनों में और नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।
