CG Housing Scheme: हाउसिंग सेक्टर को राहत! EWS–LIG मकान खुले आम जनता के लिए…NV News 

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रायपुर/(CG Housing Scheme): छत्तीसगढ़ सरकार ने आवास नीति में बड़ा बदलाव करते हुए उन EWS (इकोनॉमिकली वीक सेक्शन) और LIG (लो इनकम ग्रुप) श्रेणी के मकानों को आम जनता के लिए खोल दिया है, जो लगातार तीन बार विज्ञापन जारी होने के बावजूद नहीं बिक पाए थे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में हुई कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। सरकार का मानना है कि, इस कदम से वर्षों से खाली पड़े मकानों का उपयोग बढ़ेगा और आवास परियोजनाओं का दबाव कम होगा।

प्रदेश में इस श्रेणी के करीब दो हजार से अधिक मकान लंबे समय से अनबिके पड़े हैं। ये मकान खासतौर पर कम आय वर्ग के लिए बनाए गए थे, लेकिन मांग न होने के कारण वर्षों से खाली थे। अब नए निर्णय के तहत इन मकानों को खरीदने वालों पर आय वर्ग से संबंधित कोई शर्त लागू नहीं होगी। यानी कोई भी नागरिक अपनी सुविधानुसार इन मकानों को खरीद सकता है। सरकार का उद्देश्य ऐसे अवासीय ढांचों को बेकार पड़े रहने के बजाय आम जनता के इस्तेमाल में लाना है।

कैबिनेट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि, खरीदार चाहे किसी भी आय वर्ग से हो, लेकिन इस श्रेणी के मकान खरीदने पर उसे सरकार की ओर से मिलने वाला कोई अनुदान, छूट या सब्सिडी नहीं दी जाएगी। यह फैसला इस लिए लिया गया है ताकि मूल उद्देश्य-कम आय वर्ग के लिए उपलब्ध सहायता-का दुरुपयोग न हो। नए नियम सिर्फ उन्हें लागू होंगे जो विज्ञापन के बावजूद नहीं बिक सके हैं।

इसके साथ ही सरकार ने एक और अहम पहल करते हुए बल्क परचेज की भी अनुमति दे दी है। यानी अब कोई व्यक्ति, संस्था या कंपनी इन श्रेणी के एक से अधिक मकान खरीद सकती है। यह बदलाव राज्य में रियल एस्टेट की जड़ता को कम कर सकता है। कई हाउसिंग बोर्ड और विकास प्राधिकरण ऐसी परियोजनाओं से जूझ रहे थे जिनमें फ्लैट तो बन गए थे, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहे थे। नए नियम इन प्रोजेक्ट्स को राहत दे सकते हैं।

कैबिनेट की इस बैठक में आवास से जुड़े फैसलों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए, जो प्रदेश की आर्थिक और प्रशासनिक गतिविधियों पर सीधे असर डालते हैं।

धान खरीदी के लिए बड़ी आर्थिक स्वीकृति:

राज्य सरकार ने इस सीज़न की धान खरीदी को सुगमता से संचालित करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की गारंटी स्वीकृत की है। इसके अलावा धान खरीदी कार्य के लिए 11,200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति भी दी गई है। यह कदम किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। छत्तीसगढ़ धान उत्पादन और खरीदी के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है, ऐसे में बड़े पैमाने पर वित्तीय प्रबंध आवश्यक माना जाता है।

प्रशासनिक विभागों का पुनर्गठन:

बैठक में दो प्रमुख विभागीय पुनर्गठन भी स्वीकृत किए गए। सार्वजनिक उपक्रम विभाग को अब वाणिज्य-उद्योग विभाग में विलय किया जाएगा। इससे औद्योगिक और सार्वजनिक उपक्रमों के बीच समन्वय बढ़ेगा और नीतिगत निर्णय तेज़ी से लिए जा सकेंगे।

इसी तरह बीस सूत्रीय कार्यक्रम विभाग को:

योजना-आर्थिक-सांख्यिकी विभाग में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। सरकार का मानना है कि, योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन क्षमता बढ़ाने के लिए यह विलय जरूरी था।

पीएसएस के तहत दलहन–तिलहन खरीदी जारी:

कैबिनेट ने स्पष्ट कहा कि, दलहन और तिलहन की खरीदी प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के तहत पहले की तरह जारी रहेगी। इससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का भरोसा मिलेगा और बाजार में कीमत गिरने की स्थिति में उन्हें सुरक्षा मिलती रहेगी।

सरकार के इन फैसलों को राज्य की मौजूदा जरूरतों से जोड़कर देखा जा रहा है। जहां एक ओर आवास क्षेत्र में पुराने और अनबिके मकानों को खपाने की कोशिश की जा रही है, वहीं दूसरी ओर कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत रखने के लिए बड़े वित्तीय निर्णय लिए गए हैं। प्रशासनिक पुनर्गठन से नीतिगत प्रक्रियाओं में तेजी आने की उम्मीद भी जताई जा रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि,ये सभी कदम विकास योजनाओं को गति देने, संसाधनों के बेहतर उपयोग और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने के लिए लिए गए हैं। अब देखना यह होगा कि, EWS और LIG श्रेणी के मकानों को सभी आय वर्ग के लिए खोलने से रियल एस्टेट बाज़ार में क्या बदलाव आते हैं और आम नागरिकों को इससे कितनी राहत मिलती है।

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