CG Folk Culture: ट्रेड फेयर में छत्तीसगढ़ी कला बनी सेंटर ऑफ अट्रैक्शन…NV News
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रायपुर/(CG Folk Culture): नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित 44वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार छत्तीसगढ़ का पवेलियन खास आकर्षण बना हुआ है। राज्य की पारंपरिक कला, वनोपज आधारित उत्पादों और लोक-संस्कृति ने न केवल देश बल्कि विदेशों से आए आगंतुकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी छत्तीसगढ़ पवेलियन का अवलोकन कर कारीगरों और उद्यमियों का उत्साह बढ़ाया।
सीएम साय ने कोसा सिल्क, ढोकरा कला, धातु शिल्प, मिलेट आधारित उत्पादों और विभिन्न वनोपजों को वैश्विक बाजार में तेजी से मिल रही पहचान पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ी उत्पादों की बढ़ती लोकप्रियता न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही है, बल्कि ग्रामीण और जनजातीय कारीगरों को नई संभावनाएं और सम्मान भी प्रदान कर रही है।
उन्होंने बस्तर की संस्कृति पर आधारित डाक्यूमेंट्री ‘बदलता बस्तर (आमचो बस्तर)’ का अवलोकन करते हुए इसे नए और विकसित बस्तर की वास्तविक तस्वीर बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि,राज्य सरकार पारंपरिक, ग्रामीण एवं जनजातीय उत्पादों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रचार-प्रसार के लिए संस्थागत तंत्र को और मजबूत कर रही है। इस दौरान उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, कमलेश जांगड़े सहित कई जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
सांस्कृतिक संध्या ने मोहा दर्शकों का मन:
ट्रेड फेयर के साथ ही आयोजित सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ़ की लोक-संस्कृति ने भी समां बांध दिया। रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में राज्य के कलाकारों ने गौरा-गौरी, राउत नाचा, पंथी, भोजली, करमा और सुआ नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। पूरे सभागार में गूंजती तालियों ने साबित कर दिया कि, छत्तीसगढ़ी कला और संस्कृति लोगों को कितनी गहराई से आकर्षित करती है।
कार्यक्रम की शुरुआत सीएम साय ने दीप प्रज्वलन कर की। उन्होंने पवेलियन में प्रदर्शित कला-कृतियों, हस्तशिल्प और वनोपज आधारित खरीफ उत्पादों की प्रशंसा करते हुए कलाकारों और उद्यमियों को प्रोत्साहित किया। सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रायपुर में देश के पहले डिजिटल जनजातीय संग्रहालय के उद्घाटन को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर स्थापित करने वाला ऐतिहासिक कदम बताया।
उन्होंने कहा कि, जब देश की राजधानी में “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” की गूंज सुनाई देती है, तो हर छत्तीसगढ़वासी गर्व से भर उठता है। साथ ही देशवासियों को छत्तीसगढ़ की सादगी, प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध परंपराओं का अनुभव करने का आमंत्रण भी दिया।
इस आयोजन में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राकेश पांडेय, पर्यटन मंडल अध्यक्ष नीलू शर्मा, साहित्य अकादमी अध्यक्ष शशांक शर्मा, मुख्य सचिव विकास शील, जनसंपर्क सचिव रोहित यादव सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मेले में छत्तीसगढ़ का शिल्प, संस्कृति और प्रकृति से जुड़ी पहचान जिस तरह लोगों को आकर्षित कर रही है, उससे कारीगरों और स्थानीय उत्पादों के लिए नए बाजारों के खुलने की उम्मीद और मजबूत हुई है। कुल मिलाकर, इस बार का अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला छत्तीसगढ़ के लिए अपनी कला, संस्कृति और वनोपज की ताकत दुनिया को दिखाने का बड़ा अवसर बन गया है।
