CG Fake Registry: संपत्ति अपार, आय नदारद,फिर भी वक्फ बोर्ड कंगाल…NV News

Share this
रायपुर/(CG Fake Registry):छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के पास करीब 7,000 करोड़ रुपये की संपत्ति होने के बावजूद उसका संचालन सरकारी अनुदान के भरोसे हो रहा है। वजह यह है कि बोर्ड को अपनी संपत्तियों से बाजार दर के हिसाब से किराया नहीं मिल रहा। वर्तमान में बोर्ड सालाना एक करोड़ रुपये भी नहीं कमा पा रहा, जबकि इन संपत्तियों से 200 करोड़ रुपये तक की आय संभव है।
वक्फ बोर्ड के पास राज्यभर में सैकड़ों दुकानें, मकान और जमीनें हैं, लेकिन इनमें से कई संपत्तियां पीढ़ियों से कब्जाधारियों के पास हैं। इनमें से कई लोग न तो खुद उपयोग कर रहे हैं और न ही उचित किराया दे रहे हैं। उल्टा वे संपत्तियां दूसरों को ऊंचे किराए पर देकर फायदा कमा रहे हैं।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज के अनुसार, “हमने किराया बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की है। पहले वक्फ की संपत्तियों का किराया 200 से 500 रुपये तक था, जबकि आसपास की प्राइवेट दुकानों का किराया 30-50 हजार रुपये तक है। यह भारी असमानता बोर्ड की आय को प्रभावित कर रही है।”
480 कब्जाधारियों को नोटिस, ट्रिब्यूनल की तैयारी:
बोर्ड ने ऐसे 480 लोगों को अंतिम नोटिस जारी किया है, जो कब्जा छोड़ने या किराया बढ़ाने को तैयार नहीं हैं। यदि वे निर्धारित समय में जवाब नहीं देते हैं, तो बोर्ड वक्फ ट्रिब्यूनल में कानूनी कार्रवाई करेगा।
डॉ. राज ने बताया कि कई दुकानें 5 हजार रुपये में ली गईं और आगे किसी और को 30-35 हजार रुपये में किराए पर दे दी गईं। यह सीधे तौर पर बोर्ड की आय को नुकसान पहुंचा रहा है।
फर्जी रजिस्ट्रियों का बड़ा खेल:
सिर्फ कब्जा ही नहीं, बल्कि वक्फ की कई संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्रियां भी करवाई गई हैं। वक्फ कानून के अनुसार, इन संपत्तियों को बेचा नहीं जा सकता, क्योंकि ये दान में समाज सेवा के लिए दी गई हैं।
बोर्ड की जांच में सामने आया कि राज्य में 500 से ज्यादा संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री कराई गई है। इनमें से ज्यादातर संपत्तियां प्राइम लोकेशन पर हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है।बोर्ड ने इन फर्जी रजिस्ट्रियों को रद्द कराने के लिए पंजीयक (Registrar) को पत्र भेजा है और कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
सरकारी अनुदान पर चल रहा बोर्ड:
इतनी बड़ी संपत्ति होने के बावजूद बोर्ड को अपना कामकाज चलाने के लिए सरकार से सवा करोड़ रुपये का अनुदान लेना पड़ रहा है।
डॉ. सलीम राज ने कहा, “हम चाहते हैं कि बोर्ड आत्मनिर्भर बने। आय बढ़ेगी तो हम स्कूल, अस्पताल और समाजसेवा के अन्य प्रोजेक्ट शुरू कर सकेंगे। फिलहाल बजट की कमी के कारण कई योजनाएं अधर में हैं।”
बाजार दर से बढ़ेगा किराया, बढ़ेगी आय:
बोर्ड ने संपत्तियों का किराया संशोधित किया है, लेकिन अभी भी यह बाजार दर से काफी कम है। धीरे-धीरे इसे और बढ़ाया जाएगा ताकि बोर्ड की आय बढ़े और समाज के विकास के लिए बड़े स्तर पर काम किया जा सके।फिलहाल वक्फ बोर्ड की सबसे बड़ी चुनौती कब्जाधारियों से संपत्ति खाली कराना और फर्जी रजिस्ट्रियों को रद्द कराना है।
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के पास अपार संपत्ति है, लेकिन कम आय और अव्यवस्थित प्रबंधन की वजह से यह आज सरकारी मदद पर निर्भर है। यदि कब्जे हटाए गए और संपत्तियों से उचित किराया वसूला गया, तो बोर्ड आत्मनिर्भर बन सकता है और समाज के हित में बड़े प्रोजेक्ट शुरू कर सकता है।