CG Fake Committee Scam: सब्जी बेचकर भरोसा, निवेश के नाम पर ठगी…NV News
Share this
रायपुर/(CG Fake Committee Scam): राजधानी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ सब्जी का ठेला लगाने वाला एक व्यक्ति खुद को समिति का संचालक बताकर लाखों रुपये हड़प कर फरार हो गया। टिकरापारा थाना पुलिस ने आरोपी राजू बाघ के खिलाफ धोखाधड़ी, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने सहित कई धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया है। इस मामले में 38 वर्षीय पीड़िता पुष्पा नामदेव उर्फ डॉली नामदेव ने विस्तृत शिकायत दर्ज कराई है।
सब्जी बेचते-बेचते जाल बिछाया:
साल 2024 की शुरुआत में पीड़िता की पहचान मोती नगर सामुदायिक भवन के पास सब्जी का ठेला लगाने वाले राजू बाघ से हुई। रोजमर्रा की बातचीत के दौरान आरोपी ने खुद को ‘अपना सहारा जन सेवा कल्याण समिति’ का संचालक बताया। उसने दावा किया कि, यह संस्था स्किल डेवलपमेंट के जरिए रोजगार देती है और सदस्यों द्वारा किए गए निवेश से प्राप्त मुनाफे को बांटा जाता है।
धीरे-धीरे आरोपी ने भरोसा जीत लिया। वह खुद को सामाजिक काम करने वाला और गरीब महिलाओं की मदद करने वाला बताता था। उसके इस व्यवहार ने पीड़िता को प्रभावित किया और वह उसकी बनाई संस्था की सदस्य बन गई।
निवेश का लालच-एक लाख से शुरू हुई ठगी:
आरोपी ने लाभ कमाने के सपने दिखाकर पीड़िता से निवेश करने को कहा। उसके बहकावे में आकर पीड़िता ने मार्च–अप्रैल 2024 के बीच आरोपी के फोन-पे नंबर पर पहली किस्त के रूप में एक लाख रुपये जमा कर दिए। पैसे लेने के बाद आरोपी ने योजना के अनुसार छोटे-छोटे भुगतान ‘प्रॉफिट’ के नाम पर पीड़िता के खाते में भेजना शुरू किया।
इन छोटी रकमों ने पीड़िता का विश्वास मजबूत कर दिया। उसे लगा कि, संस्था वाकई लाभदायक है और उसने और पैसा निवेश कर दिया। धीरे-धीरे यह रकम लाखों तक पहुँच गई।
घर खाली करके गायब-फोन भी बंद:
सब कुछ ठीक चल रहा था, तभी एक दिन अचानक आरोपी अपने किराए के घर से सामान समेटकर गायब हो गया। उसका मोबाइल नंबर भी बंद मिला। घबराई पीड़िता ने उसे ढूंढने की कोशिश की और आसपास पूछताछ की। तभी उसे पता चला कि, जिस संस्था की वह सदस्य बनी थी, वास्तव में ऐसी कोई समिति कहीं संचालित ही नहीं होती।
पीड़िता को जानकारी मिली कि, आरोपी कई लोगों को इसी तरह सदस्य बनाने का झांसा देकर उनसे पैसे ले चुका है। न कोई ऑफिस, न कोई कर्मचारी और न कोई कार्य-सारी बातें महज एक भ्रम थीं।
लिखित इकरारनामा भी निकला बेअसर:
दिसंबर 2024 में दोनों पक्षों के बीच एक लिखित इकरारनामा भी बनाया गया था, जिसमें राजू बाघ ने 5,40,000 रुपये लौटाने की बात मान ली थी। पीड़िता को लगा था कि, कानूनी दस्तावेज बनने के बाद शायद उसे रकम मिल जाएगी। लेकिन आरोपी ने इकरारनामा होते हुए भी न पैसा लौटाया और न ही संपर्क किया।
धमकियाँ देकर लगाया डर:
जब पीड़िता ने बकाया रकम वापस मांगनी शुरू की, तो आरोपी ने उस पर गंदी गालियां देना शुरू कर दिया। शिकायत के अनुसार, राजू ने खुलेआम कहा कि, वह पैसा नहीं लौटाएगा, जो करना है कर ले। इतना ही नहीं, उसने यह तक धमकी दी कि, अगर पीड़िता कोर्ट जाएगी या मामले को आगे बढ़ाएगी, तो वह उसे उठवा देगा और रायपुर में कहीं भी रहोगी तो जान से मरवा देगा।इस धमकी ने पीड़िता को सहमा दिया, जिसके बाद उसने टिकरापारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
कई और लोग भी बने शिकार:
जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि,आरोपी ने इलाके की कई महिलाओं और स्थानीय लोगों के साथ इसी तरह समिति में सदस्य बनाने, मुनाफा दिलाने और रोजगार उपलब्ध कराने के नाम पर ठगी की है। कई लोग अपने पैसे डूबने के डर से शिकायत करने भी नहीं आए।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, धमकी और गाली-गलौज की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही ठगी के पूरे नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है। जांच अधिकारियों ने बताया कि,यह एक सुनियोजित ठगी का मामला प्रतीत होता है, जहाँ आरोपी ने गरीब और भरोसा करने वाले लोगों को निशाना बनाया।
पुलिस अब आरोपी की तलाश में जुटी है। पीड़िता और अन्य संभावित पीड़ितों का कहना है कि, आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि किसी और के साथ ऐसी घटना न हो।
