CG Fake APK App: रायपुर साइबर पुलिस ने तोड़ा फर्जी ऐप नेटवर्क, मास्टरमाइंड समेत 6 गिरफ्तार…NV News 

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रायपुर/(CG Fake APK App): रायपुर रेंज साइबर थाना ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत एक बड़े अंतरराज्यीय साइबर गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की है। यह गैंग फर्जी सरकारी योजनाओं और बैंकिंग सुविधाओं के नाम पर खतरनाक APK फाइलें बनाकर लोगों के मोबाइल फोन हैक करता था और फिर उनके बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा देता था। पुलिस ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल में दबिश देकर गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

सरकारी योजनाओं के नाम पर बनते थे नकली ऐप:

गैंग का मुख्य सदस्य, 18 वर्षीय धर्मजीत सिंह (लोणावाला, महाराष्ट्र), इस पूरे ऑपरेशन का तकनीकी मास्टरमाइंड था। धर्मजीत एडवांस मैलिशियस कोड डालकर ऐसे फर्जी APK ऐप तैयार करता था जो बिल्कुल सरकारी योजनाओं या बैंकों के असली ऐप जैसे दिखते थे।

इन नकली ऐप के नाम इस तरह रखे जाते थे कि कोई भी इन्हें असली समझकर डाउनलोड कर ले-

• RTO E-Challan.apk

• PMkisanyojna.apk

• AyushmanCard.apk

• Bank.apk

• SBI YONO.apk

• Fastag.apk

• PM Awas Yojna.apk

• Insurance.apk

इनका असली उद्देश्य था,पीड़ित के मोबाइल का पूरा नियंत्रण हासिल करना।

मोबाइल इंस्टॉल करते ही हैक हो जाता था फोन:

जैसे ही कोई व्यक्ति इन APK फाइलों को इंस्टॉल करता, उसका मोबाइल साइबर अपराधियों के नियंत्रण में चला जाता।गैंग पीड़ित के फोन से-

• OTP

• बैंकिंग पासवर्ड

• संपर्क सूची

• मैसेज

• गैलरी

• सभी बैंक ऐप

सब कुछ एक्सेस कर लेता था। इसके बाद बैंक खातों से मिनटों में भारी रकम निकाल ली जाती थी।मोबाइल का कंट्रोल मिलते ही गैंग पीड़ित की कांटैक्ट लिस्ट पर भी वही फर्जी APK लिंक भेज देता था, जिससे चैन सिस्टम की तरह लगातार नए लोग जाल में फंसते जाते थे।500 लोगों का नेटवर्क, टेलीग्राम और व्हाट्सऐप पर फैलती थीं फर्जी फाइलें

धर्मजीत इन फर्जी APK फाइलों को टेलीग्राम के एक बड़े नेटवर्क में 500 से ज्यादा लोगों को बेचता था।यह लोग फिर इन्हें-

• व्हाट्सऐप ग्रुप

• सोशल मीडिया

• सरकारी योजनाओं के नाम पर मैसेज के जरिए आम जनता तक पहुंचाते थे।

• नेटवर्क देशभर में फैला हुआ था और लगातार आम लोगों को निशाना बना रहा था।

ठगी की रकम म्यूल अकाउंट्स के जरिए निकाली जाती थी:

सौरव कुमार और आलोक कुमार का काम था हैकिंग के बाद पीड़ितों से लूटी गई रकम को म्यूल अकाउंट्स में भेजना।इसके बाद चांद बाबू और इरफान अंसारी (आसनसोल) एटीएम से नकदी निकालते थे।

निकालने के बाद रकम को तुरंत अलग-अलग बैंक खातों, UPI और डिजिटल चैनलों से आगे भेज दिया जाता था ताकि ट्रांजेक्शन ट्रेस करना मुश्किल हो जाए।मारूफ अंसारी का काम था म्यूल अकाउंट उपलब्ध कराना और नेटवर्क मजबूत करना।

रायपुर में दो बड़े केस-17 लाख की ठगी:

इसी गिरोह ने रायपुर में भी दो लोगों को निशाना बनाया-

अर्चना भदौरिया:- RTOechallan.apk भेजकर 5.12 लाख रुपये की ठगी।

महेश कुमार साहू:- PMkisanyojna.apk भेजकर 12 लाख रुपये की ठगी।

टिकरापारा और राखी थाना में दर्ज इन मामलों की जांच रेंज साइबर थाना कर रहा है। अब तक आरोपितों के बैंक खातों में 2 लाख रुपये होल्ड कराए गए हैं।

गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिकाएं:

सौरव कुमार (बिहार) – म्यूल अकाउंट संचालन

आलोक कुमार (बिहार) – म्यूल अकाउंट उपलब्ध कराना

चांद बाबू (मप्र, शिवपुरी) – ठगी की राशि निकालना

धर्मजीत सिंह (लोणावाला, महाराष्ट्र) – फर्जी एपीके बनाने वाला मास्टरमाइंड

इरफान अंसारी (आसनसोल) – पीड़ितों को फर्जी APK भेजना

मारूफ अंसारी (महाराष्ट्र) – म्यूल अकाउंट संग्रहकर्ता

पुलिस की सलाह – सावधान रहें, जागरूक रहें:

• किसी भी अनजान लिंक या APK को कभी डाउनलोड न करें

• ऐप केवल गूगल प्ले स्टोर से ही इंस्टॉल करें

• किसी भी ऐप को अनावश्यक परमिशन न दें

• मोबाइल में भरोसेमंद एंटीवायरस इंस्टॉल करें

• मोबाइल हैक लगे तो तुरंत सिम निकालें और फ्लाइट मोड करें

किसी भी ऑनलाइन ठगी की तुरंत शिकायत करें- 1930 या cybercrime.gov.in रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा कि, ऑपरेशन साइबर शील्ड लगातार जारी है और जल्द ही इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

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