CG Electricity Bill: GST रिफॉर्म 2.0 से 11 पैसे प्रति यूनिट तक सस्ता होगा बिल…NV News

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रायपुर/(CG Electricity Bill): छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए जीएसटी रिफॉर्म 2.0 का सीधा फायदा अब राज्य के उपभोक्ताओं को मिलने जा रहा है। बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, इस रिफॉर्म के तहत कोयले पर लगने वाला 400 रुपये प्रति टन का कंपनसेशन सेस पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। इसके चलते बिजली उत्पादन की लागत में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को बिजली बिल में लगभग 11.54 पैसे प्रति यूनिट तक की राहत मिल सकती है।
कैसे होगा फायदा:
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि पहले कोयले पर 5% जीएसटी दर लागू थी, जिसे अब बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। हालांकि, कंपनसेशन सेस को पूरी तरह समाप्त कर देने से कुल लागत में कमी आई है।
इन बदलावों के बाद छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी को कोयला अब 152.36 रुपये प्रति टन सस्ता मिलेगा। इसका सीधा असर बिजली उत्पादन की लागत पर पड़ेगा और प्रति यूनिट लागत में 11.54 पैसे की कमी का अनुमान है।
इस राहत से न सिर्फ राज्य के उपभोक्ताओं को फायदा होगा, बल्कि यह कदम केंद्र सरकार की उस मंशा को भी आगे बढ़ाएगा, जिसके तहत अर्थव्यवस्था को गति देना और आम जनता को महंगाई से राहत दिलाना है।
कोयले पर कंपनसेशन सेस खत्म होने का असर:
कोयला, बिजली उत्पादन के लिए सबसे अहम ईंधन है। कंपनसेशन सेस के कारण बिजली उत्पादन लागत पहले काफी बढ़ रही थी।22 सितंबर से इस सेस को पूरी तरह हटाने का फैसला लागू हो गया है। इससे थर्मल पावर प्लांट्स को सस्ते दाम पर कोयला उपलब्ध होगा और बिजली उत्पादन लागत में कमी आएगी।इसके परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में हल्की राहत देखने को मिल सकती है।
पहले बढ़ी दरें, फिर हाफ बिल योजना खत्म:
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों से बिजली उपभोक्ता लगातार बढ़ती दरों से परेशान हैं।पिछली भूपेश बघेल सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बिजली बिल हाफ योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत 400 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं के बिल का आधा हिस्सा माफ किया जाता था।
लेकिन मौजूदा साय सरकार ने पिछले महीने इस योजना को खत्म कर दिया। अब 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पूरी राशि चुकानी होगी।
इसके अलावा, घरेलू और गैर-घरेलू बिजली दरों में 20 से 25 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी भी की गई है। इस फैसले के बाद पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए थे। विपक्षी दल भी लगातार सरकार पर हमलावर हैं और उपभोक्ताओं के हित में पुराने फैसले बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
नए रिफॉर्म से राहत की उम्मीद:
बढ़ी दरों और सब्सिडी खत्म होने से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया था। ऐसे में जीएसटी रिफॉर्म 2.0 के जरिए बिजली उत्पादन लागत घटने से यह राहत बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
हालांकि, फिलहाल यह कमी सिर्फ 11 पैसे प्रति यूनिट के आसपास है, लेकिन बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में कोयले की कीमतों और उत्पादन लागत में और सुधार होने पर उपभोक्ताओं को अतिरिक्त फायदा मिल सकता है।
जीएसटी रिफॉर्म 2.0 के लागू होने से कोयले पर लगने वाले कंपनसेशन सेस के समाप्त होने का सीधा फायदा छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा। बढ़ी हुई दरों और हाफ बिल योजना खत्म होने से जो अतिरिक्त बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ा था, उसमें थोड़ी राहत मिलेगी। आने वाले महीनों में यदि सरकार और बिजली कंपनियां इस राहत को पूरी तरह उपभोक्ताओं तक पहुंचाती हैं, तो आम जनता को बिजली बिल में बड़ी मदद मिल सकती है।