CG Election 2025: ग्रामीण और नक्सल इलाकों में खुलेंगे 2828 नए बूथ, आसान होगी वोटिंग…NV News

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रायपुर/(CG Election 2025): आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में अब 2828 नए मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। फिलहाल राज्य में 24,371 मतदान केंद्र हैं, जो बढ़कर 27,199 हो जाएंगे। इन नए केंद्रों में लगभग 45 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में और 25 प्रतिशत माओवाद प्रभावित जिलों में स्थापित किए जाएंगे।

मतदाताओं की बढ़ती संख्या बनी आधार:

जिन इलाकों में जनसंख्या घनत्व बढ़ा है या जहां एक केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1200 से अधिक हो गई है, वहां नए केंद्र बनाए जा रहे हैं। साथ ही, पिछली बार जिन क्षेत्रों में दूरी या भौगोलिक कठिनाइयों के कारण मतदान प्रभावित हुआ था, वहां भी विशेष रूप से नए बूथ स्थापित होंगे।

अधिकारियों का कहना है कि,इन नए बूथों से मतदान प्रक्रिया आसान होगी और लोगों की भागीदारी बढ़ेगी। राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या करीब 2.80 करोड़ है, जिनमें लगभग 12 लाख युवा पहली बार वोट डालेंगे।

सुविधाओं पर रहेगा खास ध्यान:

इस बार आयोग ने दिव्यांग, बुजुर्ग और महिलाओं की सुविधा को प्राथमिकता में रखा है। सभी नए केंद्रों पर रैंप, व्हीलचेयर, पेयजल, शौचालय और बैठने की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाएगी।

चुनाव अधिकारियों ने कहा कि, ग्रामीण क्षेत्रों में कई मतदान केंद्र अब तक स्कूलों या पंचायत भवनों में अस्थायी रूप से संचालित होते थे। अब कोशिश है कि,सभी बूथों को स्थायी और सुलभ भवनों में स्थानांतरित किया जाए ताकि मतदाताओं को किसी तरह की परेशानी न हो।

नक्सल प्रभावित इलाकों में भी बढ़ेगा मतदान:

माओवाद प्रभावित जिलों- जैसे दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, कांकेर और नारायणपुर में भी नए केंद्र खोले जाएंगे। आयोग का मानना है कि इन इलाकों में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ने से मतदान प्रतिशत में 3 से 4 प्रतिशत तक की वृद्धि संभव है।

स्थानीय प्रशासन के सहयोग से इन संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की मौजूदगी और सुविधाजनक मतदान व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी ताकि मतदाता निर्भय होकर मतदान कर सकें।

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया शुरू:

इसी बीच, राज्य में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान भी शुरू किया गया है। यह प्रक्रिया पूरे देश के 12 राज्यों में चल रही है। इसके तहत बीएलओ (ब्लॉक लेवल अधिकारी) घर-घर जाकर मतदाताओं के दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।

इस पुनरीक्षण में मृत मतदाताओं, दोहरी प्रविष्टियों और गलत जानकारियों को हटाया जा रहा है। साथ ही, नए मतदाताओं को पंजीकृत करने का कार्य भी जारी है। आयोग का लक्ष्य है कि,इस प्रक्रिया से मतदाता सूची को पूरी तरह अद्यतन और त्रुटिरहित बनाया जा सके।

पहली बार वोट डालेंगे लाखों युवा:

इस बार चुनाव में युवाओं की बड़ी भागीदारी देखने को मिल सकती है। राज्य में लगभग 12 लाख नए युवा मतदाता जोड़े गए हैं, जिनकी उम्र 18 से 19 वर्ष के बीच है। आयोग को उम्मीद है कि युवाओं की बढ़ती भागीदारी से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नई ऊर्जा मिलेगी।

मतदान प्रतिशत बढ़ाने की उम्मीद:

राज्य निर्वाचन आयोग का मानना है कि,बूथों की संख्या बढ़ने और सुविधाओं में सुधार के चलते मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। 2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में 76.35 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार आयोग का लक्ष्य इसे 80 प्रतिशत के करीब पहुंचाने का है।

आयोग ने कहा कि,अधिक बूथ बनने से मतदाताओं को लंबी कतारों में इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जिससे लोग मतदान के लिए अधिक उत्साहित होंगे।

ग्रामीण-शहरी संतुलन पर भी ध्यान:

ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी नए बूथ स्थापित किए जाएंगे, खासतौर पर उन वार्डों में जहां नए आवासीय कॉलोनियों के कारण जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और राजनांदगांव जैसे शहरों में भी नए केंद्र प्रस्तावित हैं।

छत्तीसगढ़ में नए मतदान केंद्रों की स्थापना न केवल चुनावी प्रक्रिया को अधिक सुगम बनाएगी, बल्कि दूरदराज और नक्सल प्रभावित इलाकों के मतदाताओं को लोकतंत्र की मुख्यधारा से जोड़ने का काम भी करेगी। आयोग को उम्मीद है कि, इस बार छत्तीसगढ़ एक बार फिर देश में उच्च मतदान प्रतिशत वाले राज्यों में अपनी पहचान बनाए रखेगा।

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