CG Education Department Action: स्कूल में शराबखोरी और ड्यूटी में लापरवाही! तीन शिक्षक निलंबित…NV News 

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रायपुर/(CG Education Department Action): बलौदाबाजार जिले में शिक्षा विभाग ने एक बड़ा अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए तीन शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई विद्यालय में गंभीर अनुशासनहीनता और निर्वाचन ड्यूटी में लापरवाही के मामलों की जांच के बाद की गई है। विभाग ने साफ कहा है कि, स्कूल व्यवस्था और चुनावी कार्यों से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।

मामला सिमगा विकासखंड के दो अलग-अलग प्राथमिक शालाओं से जुड़ा है। पहली घटना शासकीय प्राथमिक शाला मोटियारीडीह की है, जहां पदस्थ प्रधानपाठक उमेश कुमार वर्मा और सहायक शिक्षक संदीप कुमार साहू पर विद्यालय समय में शराब सेवन कर स्कूल पहुंचने का गंभीर आरोप लगा। यही नहीं, दोनों के खिलाफ शिक्षण अवधि में अनुपस्थित रहने की शिकायत भी की गई थी। मिली शिकायतों की विभागीय जांच में आरोप पूरी तरह सत्य पाए गए। शिक्षा विभाग ने इस कृत्य को न केवल शिक्षकीय गरिमा के विपरीत माना, बल्कि इसे विद्यार्थियों के हितों के साथ खिलवाड़ भी बताया। जांच प्रतिवेदन के आधार पर दोनों शिक्षकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।

दूसरा मामला शासकीय प्राथमिक शाला दर्रीपारा केसदा के सहायक शिक्षक मिथलेश कुमार वर्मा से जुड़ा है। उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया के तहत बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया। समय पर कार्य पूरा न करने और आवश्यक जानकारी उपलब्ध नहीं कराने को विभाग ने अत्यंत गंभीर लापरवाही माना। निर्वाचन जैसे संवेदनशील कार्य में उदासीनता को देखते हुए उनके खिलाफ भी तत्काल निलंबन आदेश जारी किया गया।

शिक्षा विभाग ने बताया कि, तीनों शिक्षकों का आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 9 का उल्लंघन है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश में निलंबन अवधि के दौरान शिक्षकों का मुख्यालय क्रमशः कसडोल और पलारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय निर्धारित किया गया है। इस अवधि में उन्हें नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।

विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी कि, चाहे स्कूल अनुशासन से जुड़ा मामला हो या निर्वाचन प्रक्रिया से किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। छात्रों के लिए सुरक्षित और अनुशासित वातावरण तथा चुनावी व्यवस्थाओं की पारदर्शिता बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। भविष्य में भी ऐसे मामलों पर कठोर निर्णय जारी रहेंगे।

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