“CG drug scam”: महंगी खरीद,घटिया दवा,खतरे में मरीज-पढ़ें पूरी खबर…NV News

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NV News: छत्तीसगढ़ में सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जान से खिलवाड़ का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन (CGMSC) ने न केवल फंगस लगी पैरासिटामोल टैबलेट(paracetamol tablet fungus) खरीदीं, बल्कि यह खरीद बाजार भाव से कहीं ज्यादा कीमत पर की गई। अब पूरे राज्य में 48 हजार टैबलेट के वितरण पर रोक लगाकर उन्हें वापस मंगाया जा रहा है।
महंगी और घटिया खरीद:
जानकारी अनुसार,CGMSC(CG medical services corporation) ने 9 एम इंडिया लिमिटेड(9 M India limited) (महासमुंद) से पैरासिटामोल(paracetamol) 500 एमजी (बैच नंबर RT 24011) 47.04 रुपये प्रति 100 टैबलेट की दर से खरीदी। जबकि राजस्थान ड्रग कॉरपोरेशन (drugs a corporation)ने यही दवा 29.33 रुपये में खरीदी। यानी छत्तीसगढ़ में हर 100 टैबलेट पर लगभग 18 रुपये ज्यादा खर्च हुए। वही वित्तीय वर्ष 2024-25 में 85 लाख टैबलेट के ऑर्डर पर यह अंतर करीब 1.5 करोड़ रुपये का नुकसान बनता है।
जांच में फेल दवा गुणवत्ता (Drugs quality test failed):
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह दवा गुणवत्ता जांच में फेल(Drugs quality test failed) पाई गई, फिर भी नियमों को दरकिनार कर दोबारा परीक्षण के लिए भेज दी गई।लेकिन,खराब गुणवत्ता मिलने पर संबंधित कंपनी पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
अस्पतालों तक पहुंच चुकीं 19.9 लाख टैबलेट:
1 अप्रैल 2024 से अब तक 19,93,497 टैबलेट सरकारी अस्पतालों में भेजी जा चुकी हैं। जबकि 2025-26 के लिए 1.73 करोड़ टैबलेट की मांग रखी गई थी, जिसकी कीमत 6.32 करोड़ रुपये आंकी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला सिर्फ आर्थिक नुकसान का नहीं, बल्कि मरीजों की जान से खेलने (Patients’ lives at risk)का है।
ऐसे खुला मामला:
प्रदेश के 90 से ज्यादा सरकारी(government hospital) अस्पतालों से शिकायत आई कि पैरासिटामोल(paracetamol) स्ट्रिप खोलते ही गोलियों पर काले धब्बे और फंगस(black rash fungus) दिख रही है। जिलों के CMHO ने तत्काल रिपोर्ट दी, जिसके बाद पूरा बैच वेयरहाउस वापस भेजा गया।
यह पहला मामला नहीं है-पहले भी अस्पतालों में भेजी गई दवाओं में फंगस, रंग बदलना, टूटना और असर न होना जैसी शिकायतें आ चुकी हैं। करोड़ों रुपये की दवाएं पहले ही वापस मंगाई जा चुकी हैं।
दवा सप्लाई गड़बड़ी (Drug supply disruption):
CGMSC ने ऑनलाइन पोर्टल से दूसरी दवाओं की मांग की थी, लेकिन सप्लाई में 9एम इंडिया लिमिटेड की पैरासिटामोल(9 M India limited paracetamol tablet) टैबलेट भेज दी गईं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि यह नियमों के खिलाफ है, क्योंकि टेंडर के अनुरूप दवा नहीं भेजी गई।
मरीजों पर खतरा(patient’s lives at risk):
डॉक्टरों के अनुसार, फंगस लगी पैरासिटामोल(fungus paracetamol) खाने से मरीजों में उल्टी, दस्त, फूड पॉइजनिंग (vomiting or diarrhea food poisoning)और गंभीर मामलों में मौत(death) तक हो सकती है। सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले ज्यादातर गरीब मरीजों के लिए यह सीधे उनकी जान पर वार जैसा है।
खराब दवा का विवरण:
• बैच(batch) नंबर- RT 24011
• निर्माण तिथि- जनवरी 2024
• एक्सपायरी- दिसंबर 2025
• मात्रा- 48,000 टैबलेट (500 एमजी)
• निर्माता- 9एम इंडिया लिमिटेड, महासमुंद(9 M India limited mahasamund)
पिछले दो महीनों में कई दवाओं पर सवाल:
यह पैरासिटामोल मामला कोई अकेला नहीं है। पिछले दो महीनों में कई और मेडिकल आइटम गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे-
• DNS लिक्विड न्यूट्रिशन- मरीजों को कंपकंपी
• RL सलाइन- चढ़ाने के बाद ठिठुरन
• सर्जिकल दस्ताने- घटिया क्वालिटी
• इंजेक्शन पाउडर-असर नहीं
• ग्लूकोज सलाइन- असर नहीं
• अस्थमा-गठिया की गोलियां- खराब गुणवत्ता
• सर्जिकल ब्लेड- जंग लगे
• कैल्शियम टैबलेट- स्ट्रिप से निकालते ही चूरा
नियमों की अनदेखी पर उठे सवाल:
स्वास्थ्य विशेषज्ञ और विपक्ष का आरोप है कि यह मामला बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का है। टेंडर प्रक्रिया, मूल्य तुलना और गुणवत्ता जांच-तीनों में गंभीर गड़बड़ी हुई। सवाल यह भी है कि जब दवा गुणवत्ता जांच में फेल हो गई थी, तो उसे दोबारा क्यों टेस्ट कराया गया और अस्पतालों में क्यों भेजा गया?