CG DMF Scam:अफसर- कारोबारियों पर ED का राडार…NV News

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रायपुर/(CG DMF Scam): छत्तीसगढ़ में जिला खनिज प्रतिष्ठान (DMF) फंड से 550 करोड़ रुपये के घोटाले ने बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक भूचाल ला दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच की रफ्तार तेज करते हुए कृषि विभाग के तीन पूर्व निदेशकों और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से दो दिन तक लगातार पूछताछ की है। जांच एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले में अफसरों और कारोबारियों की मिलीभगत से न सिर्फ भारी गड़बड़ी हुई, बल्कि 500 से 600 करोड़ रुपये तक कमीशन का बंटवारा भी किया गया।
खरीदी में बड़े घोटाले के सबूत:
ED की शुरुआती जांच में सामने आया है कि DMF फंड से कृषि उपकरणों की खरीदी में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। कृषि विभाग के अधिकारियों ने फर्जी बिलों और मनमाने दामों पर उपकरण खरीद कर सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया। यह घोटाला कोरबा जिले से शुरू हुआ, जहां वित्तीय वर्ष 2022-23 तक DMF मद में करीब 2,000 करोड़ रुपये की राशि आई। इसी रकम में से 500-600 करोड़ रुपये केवल कमीशन के रूप में बांटे जाने की आशंका है।
सूत्रों के मुताबिक, यह घोटाला सिर्फ कृषि उपकरणों तक सीमित नहीं रहा। निर्माण कार्यों और खेल सामग्री की खरीदी में भी भारी अनियमितताओं के सबूत मिले हैं। ED का मानना है कि यह एक संगठित नेटवर्क है जिसमें सरकारी अफसरों, सप्लायरों, ठेकेदारों और बिचौलियों की गहरी मिलीभगत रही है।
28 ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की जब्ती :
अब तक ED ने राज्यभर में 28 स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। इस दौरान चार करोड़ रुपये नकद, 10 किलो चांदी के जेवरात और कई संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए। इससे पहले एजेंसी 21.47 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर चुकी है।
फिलहाल ED की राडार पर छह वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और 25 से ज्यादा सप्लायर हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।
कारोबारियों का नेटवर्क भी जांच के दायरे में:
ED ने सिर्फ सरकारी अफसरों ही नहीं, बल्कि कारोबारियों के पूरे नेटवर्क को भी जांच के घेरे में लिया है। इसमें राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम से जुड़े ठेकेदार, सप्लायर, होटल मालिक, चार्टर्ड अकाउंटेंट, सराफा व्यापारी और दवा कारोबारियों तक शामिल हैं। एजेंसी को शक है कि यह पूरा नेटवर्क कमीशन की राशि को ठिकाने लगाने और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए उसे सफेद करने में शामिल रहा है।
पूछताछ का दौर जारी, जल्द हो सकती हैं गिरफ्तारियां:
दो दिनों से कृषि विभाग के पूर्व निदेशकों और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से लगातार पूछताछ की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारियों ने पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारी दी है, जिससे ED को घोटाले की पूरी कड़ी जोड़ने में मदद मिल रही है।जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, एजेंसी को उम्मीद है कि जल्द ही कई बड़े खुलासे होंगे और गिरफ्तारियां भी की जाएंगी।
मंत्रालय तक पहुंची जांच की आंच:
इस घोटाले की आंच अब मंत्रालय तक पहुंच चुकी है। कई वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। ED ने भुगतान से जुड़े दस्तावेजों और फाइलों को खंगालना शुरू कर दिया है। इनमें कई संदिग्ध मंजूरियां और फर्जी हस्ताक्षर पाए गए हैं, जो बड़े घोटाले की ओर इशारा करते हैं।
राजनीतिक हलचल तेज:
DMF घोटाले ने राज्य में राजनीतिक हलचल भी तेज कर दी है। विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रहा है कि अफसरों और कारोबारियों की मिलीभगत से गरीबों और खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए आने वाली रकम की खुली लूट की गई। वहीं, सरकार का कहना है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
ED की अगली रणनीति:
एजेंसी की अगली योजना घोटाले से जुड़े पैसों के फ्लो को ट्रैक करना है। इसके लिए बैंक खातों, संपत्ति खरीद और निवेश से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। ED जल्द ही मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कुछ और संपत्तियों को कुर्क कर सकती है।
छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े DMF घोटाले में जैसे-जैसे जांच गहराती जा रही है, वैसे-वैसे अफसरों और कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आने वाले दिनों में यह मामला और भी बड़े राजनीतिक व प्रशासनिक खुलासों की ओर बढ़ सकता है।