“CG DEO Action”: हर्बल लाइफ का प्रचार शिक्षकों को पड़ा भारी, एक निलंबित…NV News  

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दुर्ग/(CG DEO Action): डोंगरगढ़ में चार शिक्षकों द्वारा सोशल मीडिया पर हर्बल लाइफ प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करना उनके लिए महंगा साबित हुआ। वजन घटाने और फिटनेस बढ़ाने के नाम पर प्रोडक्ट बेचने और ऑनलाइन सेशन की सलाह देने की शिकायत मिलने पर कलेक्टर अभिजीत सिंह ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। जांच में दोषी पाए जाने पर एक महिला शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, जबकि तीन अन्य शिक्षकों पर भी जल्द कार्रवाई तय मानी जा रही है।

सोशल मीडिया पर कर रहे थे प्रचार:

जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) अरविंद मिश्रा ने बताया कि चारों शिक्षक लंबे समय से अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हर्बल लाइफ प्रोडक्ट्स का प्रचार कर रहे थे। वे न केवल खुद इनका उपयोग कर रहे थे बल्कि लोगों को वजन घटाने, सेहत सुधारने और प्रोडक्ट की सदस्यता लेने के लिए प्रेरित कर रहे थे। कई बार ये शिक्षक ऑनलाइन सेशन लेकर लोगों को इन प्रोडक्ट्स को अपनाने के लिए गाइड कर रहे थे।

सरकारी शिक्षक होने के बावजूद प्राइवेट प्रोडक्ट का प्रचार करना नियमों का उल्लंघन है। इस मामले की शिकायत कलेक्टर को मिली थी, जिसके बाद विकासखंड शिक्षा अधिकारी ( BEO) धमधा को जांच का जिम्मा सौंपा गया।

जांच में सामने आई गड़बड़ी:

जांच के दौरान BEO ने फुंडा स्कूल की शिक्षिका खिलेश्वरी चतुर्वेदी के सोशल मीडिया अकाउंट की गहन जांच की। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वे लगातार हर्बल लाइफ प्रोडक्ट्स के प्रचार में सक्रिय थीं। प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए। निलंबन की अवधि में उन्हें शासकीय नियमों के तहत निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।

तीन अन्य शिक्षकों पर भी कार्रवाई:

इसी मामले में तीन अन्य शिक्षकों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।

• मुकेश चतुर्वेदी, शिक्षक, दनिया स्कूल।

• बलदाऊ पटेल, सीएसी, संकुल केंद्र बोरी।

• लोमन वर्मा, व्याख्याता, घोटवानी स्कूल।

डीईओ (DEO) ने मुकेश चतुर्वेदी और बलदाऊ पटेल पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए संयुक्त संचालक को पत्र भेजा है। वहीं, व्याख्याता लोमन वर्मा के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीपीआई (DPR) को पत्र प्रेषित किया गया है।

शिक्षकों के खिलाफ सख्त रुख:

डीईओ (DEO) अरविंद मिश्रा ने स्पष्ट कहा कि सरकारी शिक्षक का कर्तव्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है, न कि किसी प्राइवेट कंपनी का प्रचार करना। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां न केवल शिक्षक की साख को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करती हैं।

सोशल मीडिया की निगरानी तेज:

इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने शिक्षकों के सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए। यदि भविष्य में ऐसे मामले सामने आते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मामला क्यों गंभीर है:

हर्बल लाइफ जैसे प्रोडक्ट्स का प्रचार सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर होता है, लेकिन जब इसे सरकारी शिक्षक करते हैं तो यह सरकारी सेवा नियमों का सीधा उल्लंघन है। शिक्षक समुदाय को समाज का आदर्श माना जाता है, ऐसे में उनकी भूमिका पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

आगे की कार्रवाई:

फिलहाल खिलेश्वरी चतुर्वेदी निलंबित हैं और अन्य तीन शिक्षकों के खिलाफ उच्च अधिकारियों की स्वीकृति के बाद कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा विभाग का मानना है कि इस सख्त कदम से अन्य शिक्षकों को भी सबक मिलेगा और वे सरकारी सेवा नियमों का पालन करने के लिए और अधिक सजग होंगे।

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