CG cyber crime: सावधान! लोन दिलाने के नाम पर बढ़ रहें साइबर ठग…NV News
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बिलासपुर/(CG cyber crime): फर्जीवाड़ा करने वाले साइबर ठग अब सरकारी योजनाओं के नाम का सहारा लेकर लोगों को निशाना बना रहे हैं। बिलासपुर में एक मेडिकल व्यवसायी के साथ ऐसा ही हुआ, जिसे पीएम समृद्धि योजना के नाम पर 70 लाख रुपये का लोन दिलाने का लालच देकर जालसाजों ने 73 लाख रुपये ठग लिए।
कैसे रचा गया जाल?:
सकरी के नेचर सिटी निवासी 50 वर्षीय मेडिकल व्यवसायी राजेश पांडेय को 12 फरवरी की दोपहर एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को निजी फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताते हुए अपना नाम जिग्नेश त्रिवेदी बताया। उसने दावा किया कि “पीएम समृद्धि योजना” के तहत उन्हें व्यापार के लिए 50 लाख रुपये तक का लोन आसानी से मिल सकता है।चूंकि राजेश को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत थी, उन्होंने बातचीत आगे बढ़ाई। जालसाज ने दस्तावेज मांगे और भरोसा दिलाया कि प्रक्रिया पूरी होते ही उन्हें लोन मंजूर कर दिया जाएगा।
दस्तावेज और पहला भुगतान:
राजेश ने सभी जरूरी कागजात वाट्सएप पर भेज दिए। इसके बाद जिग्नेश ने कहा कि उनकी पात्रता 70 लाख रुपये तक बनती है और योजना के तहत 30% छूट भी मिलेगी। लेकिन लोन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रोसेसिंग चार्ज देना होगा।14 फरवरी को 19,900 रुपये की मांग की गई, जिसे राजेश ने ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया। दो दिन बाद ही 16 फरवरी को लोन इंश्योरेंस फीस के नाम पर 35,700 रुपये और मांगे गए।
बढ़ते गए बहाने, बढ़ते गए पैसे:
इन शुरुआती लेनदेन के बाद जालसाजों ने अलग-अलग बहाने बनाकर धीरे-धीरे बड़ी रकम वसूलनी शुरू की। कभी फाइल क्लियरेंस, कभी टैक्स, तो कभी आरबीआई अप्रूवल के नाम पर पैसे मांगे गए। राजेश को हर बार आश्वासन दिया गया कि अगली किस्त के बाद पूरा लोन उनके खाते में आ जाएगा।विश्वास और उम्मीद में आकर व्यवसायी ने बार-बार ट्रांसफर किया और देखते ही देखते कुल रकम 73 लाख रुपये तक पहुंच गई।
जब ठगी का अहसास हुआ:
लोन न मिलने पर राजेश ने कई बार जिग्नेश से पैसे लौटाने की मांग की। लेकिन हर बार उन्हें कहा गया कि “थोड़ी और रकम जमा कर दीजिए, तब सारा पैसा एक साथ वापस हो जाएगा।” यहीं से राजेश को शक हुआ और उन्होंने मामले की शिकायत सकरी थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने रिपोर्ट लेकर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की जांच:
सकरी पुलिस ने बताया कि व्यवसायी द्वारा बताए गए बैंक अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह पूरा रैकेट संगठित साइबर ठगों का लग रहा है, जो खुद को फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताकर सरकारी योजनाओं के नाम का दुरुपयोग करते हैं।
सबक और चेतावनी:
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि सरकारी योजनाओं या लोन की स्कीम के नाम पर आने वाले अनजान कॉल्स से सतर्क रहना बेहद जरूरी है। कोई भी सरकारी बैंक या योजना प्रोसेसिंग फीस या इंश्योरेंस के नाम पर सीधे ऑनलाइन पैसे नहीं मांगती।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऐसे कॉल्स आने पर तुरंत स्थानीय थाने या साइबर सेल से संपर्क करें और बिना पुष्टि किए कोई भी पैसा ट्रांसफर न करें।
बिलासपुर का यह मामला केवल एक व्यक्ति की ठगी नहीं है, बल्कि समाज को जागरूक करने वाली चेतावनी है। साइबर ठग हर बार नए-नए बहाने गढ़कर लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं। ऐसे में सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है।
