CG Crime News: तोमर बंधु फरार, पत्नियां सुदखोरी का मास्टरमाइंड निकली…NV News

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छत्तीसगढ़/(CG Crime News): रायपुर में चर्चित सूदखोरी मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुरानी बस्ती थाना पुलिस ने फरार सूदखोर तोमर बंधुओं और उनके पूरे नेटवर्क के खिलाफ 2200 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की है। जांच में सामने आया कि फरार आरोपियों की पत्नियां ही अवैध सूदखोरी का कारोबार चला रही थीं।
चार्जशीट में पुलिस ने शुभ्रा सिंह तोमर (41), भावना तोमर (30), दिव्यांश सिंह (25), बंटी सहारे (35) और जीतेंद्र देवांगन (24) को आरोपी बनाया है। जबकि मुख्य आरोपी वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित तोमर अब भी फरार हैं। दोनों पर पुलिस ने 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
पत्नियां संभाल रही थीं सूदखोरी का नेटवर्क:
पुलिस जांच के मुताबिक, तोमर परिवार की बहुएं शुभ्रा और भावना कंपनी के संचालन में अहम भूमिका निभा रही थीं। इनके निर्देशन में पूरा नेटवर्क चलता था।
• दिव्यांश सिंह, दोनों का भतीजा, वसूली और कर्जदारों को धमकाने का काम करता था।
• बंटी सहारे और जीतेंद्र देवांगन, रोहित तोमर के करीबी, वसूली के दौरान हंगामा करने और बकाया वसूलने के लिए घरों का सामान जब्त करने तक में शामिल थे।
• यह नेटवर्क लोगों को ऊंचे ब्याज पर कर्ज देकर मानसिक प्रताड़ना और धमकी के जरिए रकम वसूलता था।
फरार तोमर बंधुओं की तलाश तेज:
वीरेंद्र और रोहित तोमर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है क्योंकि दोनों अभी भी फरार हैं। इनके अलावा योगेश देवांगन और आकाश मिश्रा की भी जांच जारी है। पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, जिससे पुलिस की कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
एक महीने में दर्ज हुईं 7 एफआईआर (FIR):
रोहित तोमर के खिलाफ पहली एफआईआर (FIR) जून महीने में तेलीबांधा थाना क्षेत्र में दर्ज की गई थी। प्रॉपर्टी डीलर दसमीत चावला ने उसके खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कराया था।इसके बाद पुरानी बस्ती क्षेत्र में छह और मामले दर्ज हुए। यानी सिर्फ एक महीने में सात एफआईआर (FIR) दर्ज की गईं।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में संपत्ति जब्त की:
• 35 लाख रुपये नकद।
• 70 तोला सोना और 125 ग्राम चांदी।
• चार लग्जरी गाड़ियां साथ ही, भाठागांव स्थित 1500 वर्गफीट की जमीन को भी कुर्क किया गया।
अवैध निर्माण पर कार्रवाई:
• तोमर बंधुओं की अवैध संपत्तियों पर भी कार्रवाई की गई। पुलिस ने उनके अवैध निर्माण को ढहा दिया है।
• लोवर कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।
• फिलहाल हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है।
नेटवर्क की गहराई तक जांच:
पुलिस ने अब तक आरोपियों के 150 से अधिक मोबाइल नंबरों की जांच की है। नेटवर्क के तार शहर के कई हिस्सों में फैले हुए हैं।हालांकि, मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से पीड़ितों में गुस्सा बढ़ रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि इनाम घोषित होने के बावजूद पुलिस दोनों भाइयों को पकड़ क्यों नहीं पा रही।
रायपुर का यह मामला केवल सूदखोरी नहीं, बल्कि संगठित अपराध का उदाहरण है। फरार तोमर बंधु और उनके परिवार ने मिलकर एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया, जो आम लोगों को कर्ज के जाल में फंसाकर उनकी संपत्ति तक हड़प लेता था।पुलिस की चार्जशीट ने पूरे गैंग की परतें खोली हैं, लेकिन जब तक मुख्य आरोपी पकड़े नहीं जाते, इस केस पर सवाल बने रहेंगे।