Share this
NV News Jashpur: जिले के फरसाबहार विकासखंड में सोना खदान सर्वे को लेकर विवाद गहरा गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के संचालनालय भौमिकी खनीकर्म द्वारा सर्वे निविदा निरस्त करने के बावजूद तीन गांवों भगोरा, मेंढरबहार, और बनगांव के ग्रामीणों ने सोना खदान के खिलाफ जनसभा आयोजित की।
फरसाबहार स्टेडियम में आयोजित सभा में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने रैली की तैयारी की थी, लेकिन तहसीलदार तोष कुमार सिंह ने सर्वे निरस्ती के शासन आदेश को पढ़कर सुनाया, जिसके बाद सोना खान संघर्ष समिति ने रैली न करने का निर्णय लिया। संघर्ष समिति का कहना है कि शासन का आदेश केवल लोगों को गुमराह करने का प्रयास है, और वे मुख्यमंत्री के सामने जाकर स्पष्ट जवाब मांगेंगे।
ग्रामीणों ने पहले भी सोना खदान के विरोध में रैली निकाली और ज्ञापन सौंपा था। उनका कहना है कि वे सोना खदान का विरोध तब तक जारी रखेंगे जब तक कि उनके अनाज की प्राथमिकता को समझा नहीं जाता। रैली में शामिल लोग और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रशासन के इस तर्क पर नाराजगी जताई और कहा कि ग्राम सभा के नियमों की अनदेखी की जा रही है।
संघर्ष समिति का मानना है कि प्रशासन ने सिर्फ आम जनता को गुमराह करने के लिए आदेश जारी किया है, जबकि खदान खोलने की पूरी तैयारी की जा चुकी है। समिति के सदस्य और पदाधिकारी इसे गोल्ड ब्लाक डालने की तैयारी का हिस्सा मानते हैं।
मंगलवार को आधी रात में गांव में ड्रोन द्वारा सर्वे किया गया, जिसके बाद प्रशासन ने निविदा निरस्त करने की जानकारी दी। इसके बावजूद, संघर्ष समिति का कहना है कि जब तक आदेश पूरी तरह से निरस्त नहीं होता, वे विरोध जारी रखेंगे।