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NV News:- बिलासपुर(bilaspur) रेलवे क्षेत्र में ई-रिक्शा के चालक ने श्रमिक को चाकू मारकर उसका मोबाइल लूट लिया। चाकू के हमले में घायल श्रमिक तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती रहकर ईलाज कराता रहा। इधर पुलिस को इस घटना की भनक तक नहीं लगी। तीन दिन बाद घायल श्रमिक ने तोरवा थाना पहुंचकर घटना की शिकायत दर्ज कराई। तब जाकर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
जांजगीर-चांपा जिले के कोसा में रहने वाले अशोक कुमार धीवर रोजी मजदूरी करते हैं। कुछ दिनों पहले वे काम करने के लिए कोलकाता गए थे। वहां से वे एक अप्रैल की सुबह करीब तीन बजे ट्रेन से बिलासपुर आए। रेलवे स्टेशन के बाहर वे पेड़ के नीचे कुछ देर बैठे रहे। इसी दौरान उनके पड़ोस के गांव ससहा में रहने वाला पंचलाल वहां आ गया। दोनों करीब चार बजे पैदल ही तोरवा नाका की ओर निकले। रेलवे खेल मैदान के पास पीछे से आ रहे ई-रिक्शा के चालक ने अशोक को टक्कर मार दी। इस पर अशोक ने उसे ठीक से वाहन चलाने के लिए कहा। ई-रिक्शा के चालक ने ब्रेक फेल होने की बात कहते हुए गाली-गलौज की।
इसका विरोध करने पर उसने अशोक से मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच उसने अपने पास रखे चाकू से अशोक के जांघ में मार दिया। हमले में चाकू उनकी जांघ में ही फंसकर टूट गया। इधर ई-रिक्शा चालक के साथी ने पंचलाल से मारपीट की। मारपीट के दौरान ई-रिक्शा चालक ने अशोक के थैले से मोबाइल निकाल लिया। मारपीट और लूट के बाद ई-रिक्शा चालक अपने दोस्त के साथ भाग निकला। चाकू के हमले से घायल श्रमिक किसी तरह अस्पताल पहुंचा। तीन दिन तक चले उपचार के बाद घायल सीधे तोरवा थाने पहुंचा। उसकी शिकायत पर पुलिस ने लूट का मामला दर्ज किया है। अब पुलिस लुटेरों की तलाश कर रही है।
लूट जैसे गंभीर मामले में की लापरवाही
रेलवे मैदान के पास हुई लूट और चाकूबाजी की भनक पुलिस को नहीं लग सकी। पुलिस ने घायल की जानकारी लेना भी जरूरी नहीं समझा। इधर सिम्स से किसी भी अपराधिक घटना में घायल होने वालों की जानकारी पुलिस को दी जाता है। गंभीर मामलों में पुलिस तत्काल अस्पताल पहुंचकर घायलों की जानकारी लेती है। इस मामले में पुलिस तीन दिन तक घायल की सुध नहीं ली। पुलिस गंभीरता दिखाती तो लुटेरे पुलिस की पकड़ में आ सकते थे।