CG Bharatmala Scam: पूर्व SDM समेत पांच अधिकारी फरार,EOW की दबिश जारी…NV News
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रायपुर/(CG Bharatmala Scam): छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में भारी गड़बड़ी सामने आई है। इस घोटाले में तीन पटवारियों की गिरफ्तारी के बाद पूर्व एसडीएम निर्भय साहू, राजस्व निरीक्षक रोशनलाल वर्मा, तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, नायब तहसीलदार लखेश्वर किरण तथा पटवारी जितेंद्र साहू सहित पांच अधिकारी फरार हो गए हैं। इन सभी की जमानत उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दी गई है।
क्या हुआ?:
• यह मामला मुख्यतः रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक कॉरिडोर के अंतर्गत अधिग्रहित भूमि से जुड़ा है, जिसे भारत माला परियोजना के तहत सड़क निर्माण के लिए लिया जाना था।
• आरोप है कि भूमियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटा गया, फर्जी नामांतरण किए गए और मुआवजा राशि को inflated किया गया ताकि उच्च रकम चुक सके।
• उदाहरण के रूप में अभनपुर क्षेत्र के गांवों में जमीन जिसका मूल्य 29.5 करोड़ रुपये बताया गया था, उसे 78 करोड़ रुपये दिखाकर मुआवजा लिया गया।
• प्रदेश के 11 जिलों में मुआवजे वितरण, नामांतरण और अधिग्रहण कार्य में अनियमितताएँ मिलने की शिकायतें आई हैं।
जांच-प्रक्रिया और कार्रवाई:
• Economic Offences Wing (EOW) तथा Anti Corruption Bureau (ACB) की टीम ने कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
• 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें राजस्व अधिकारी, पटवारी, तहसीलदार के घर शामिल थे।
• अब तक 400 से अधिक शिकायत-दावे फलाना हैं, जिनकी समीक्षा चल रही है।
• राज्य सरकार ने इस मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट केंद्र को भेजी है और मामला Central Bureau of Investigation (CBI) या Enforcement Directorate (ED) को सौंपने पर विचार कर रही है।
अनुमानित नुकसान:
• प्रारंभिक रूप से लगभग ₹43 करोड़ की रकम घोटाले के अंतर्गत बताई गई है।
• शिकायतों के आधार पर यह राशि ₹200 करोड़ से अधिक तक पहुंच सकती है।
क्यों यह मामला गंभीर है:
• अधिग्रहण प्रक्रिया में असाधारण “विभाजन-नामांतरण” जैसे फर्जी तरीके अपनाए गए, जिससे सरकार को भारी क्षति हुई।
• इस परियोजना का संबंध केंद्र के तहत देशव्यापी महत्व की कार्यक्रम से है, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका और बढ़ जाती है।
• राज्य-स्तर पर उच्च पदस्थ अधिकारियों की संलिप्तता से प्रभावित किसानों एवं आम जनता का अधिकार प्रभावित हुआ है।
आगे क्या होगा?:
अभी जांच पूरी नहीं हुई है,चार अलग-अलग जांच टीमों को अब तक रिपोर्ट नहीं जमा करने का नोटिस मिला है।फरार अधिकारियों की संपत्ति कुर्क करने और उनकी लोकेशन तलाशने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।राजनीतिक दबाव के चलते CBI द्वारा ट्रांसफर की संभावना है।
