“CG ADEO Recruitment Scam”: फर्जी डिग्रियों से बोनस अंक पाने का खेल, जांच शुरू…NV News 

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रायपुर/(CG ADEO Recruitment Scam): छत्तीसगढ़ में आयोजित एडीईओ (सहायक विकास विस्तार अधिकारी) भर्ती परीक्षा एक बड़े घोटाले की आंच में आ गई है। परीक्षा में फर्जी डिग्रियों के सहारे बोनस अंक हासिल करने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। उच्च शिक्षा मंत्री ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। यह परीक्षा 200 पदों के लिए आयोजित की गई थी।

बोनस अंकों पर बवाल:

इस भर्ती परीक्षा में ग्रामीण विकास विषय से PGDRD (पोस्ट ग्रेजुएशन इन रूरल डेवलपमेंट),MARD (मास्टर ऑफ आर्ट्स इन रूरल डेवलपमेंट), MSC (मास्टर ऑफ सोशल साइंस) या संबंधित डिप्लोमा धारकों को 15 अतिरिक्त अंक देने का नियम था।

नियम के मुताबिक लिखित परीक्षा 100 अंकों की थी। अगर किसी अभ्यर्थी ने 60 अंक प्राप्त किए और उसके पास मान्यता प्राप्त डिग्री है, तो उसके कुल अंक 75 हो जाते। यही बोनस अंक अब विवाद का कारण बने हैं।

अभ्यर्थियों की आपत्ति और शिकायत:

परिणाम जारी होने के बाद कई अभ्यर्थियों ने आपत्ति दर्ज कराई। उनका आरोप है कि कुछ उम्मीदवारों ने फर्जी डिग्रियों के जरिए बोनस अंक हासिल किए हैं।1 सितंबर को अभ्यर्थियों ने विकास आयुक्त को लिखित शिकायत दी और RTI से प्राप्त दस्तावेजों के साथ सबूत पेश किए। इसमें बताया गया कि कुछ विश्वविद्यालयों ने बिना मान्यता के डिग्रियां बांटीं, जिससे असली उम्मीदवारों का नुकसान हुआ।

यूजीसी (UGC) नियमों का उल्लंघन:

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि कई विश्वविद्यालयों ने प्राइवेट और डिस्टेंस मोड में डिग्रियां जारी कीं, जबकि उनके पास केवल रेगुलर कोर्स की मान्यता थी।यूजीसी के नियमों के मुताबिक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) ही डिस्टेंस या प्राइवेट मोड में ऐसे कोर्स संचालित कर सकती है। इसके बावजूद अन्य विश्वविद्यालयों ने नियमों को ताक पर रखकर प्रमाणपत्र जारी किए।

जांच के लिए तैयार हुई लिस्ट:

शिकायत के बाद उच्च शिक्षा विभाग सक्रिय हुआ। विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों से जानकारी मांगी।

• 17 निजी विश्वविद्यालय और 9 सरकारी विश्वविद्यालयों की लिस्ट तैयार की गई।

• इनमें से 7 विश्वविद्यालयों ने साफ-साफ कहा कि उनके यहां ग्रामीण विकास विषय में न तो डिग्री संचालित है और न ही डिप्लोमा।

• 10 निजी विश्वविद्यालयों ने अब तक जानकारी अपडेट नहीं की है।

• इन 10 में से कई ऐसे संस्थान हैं जिन पर फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप लगे हैं।

निजी विश्वविद्यालयों पर गिर सकती है गाज:

जांच में सबसे ज्यादा सवाल निजी विश्वविद्यालयों पर खड़े हुए हैं, खासतौर पर वे जो पहले भी दूरस्थ शिक्षा और ऑफ-कैंपस कोर्स को लेकर विवादों में रहे हैं।उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि केवल नियमित पाठ्यक्रम से प्राप्त डिग्रियां ही मान्य होंगी।यदि जांच में किसी विश्वविद्यालय की संलिप्तता साबित होती है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

व्यापम पर फिर उठे सवाल:

व्यापम की परीक्षाएं पहले भी विवादों में रही हैं। एडीईओ(ADEO)परीक्षा में कई गलत प्रश्न और विवादित विकल्प पाए गए थे। अगस्त में जारी मॉडल आंसर में 12 प्रश्नों को हटाना पड़ा था।अब फर्जी डिग्रियों का मुद्दा सामने आने से परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठ गए हैं।

बोनस अंकों का खेल कैसे हुआ:

• कई अभ्यर्थियों ने कम अंक पाने के बावजूद बोनस अंकों की वजह से मेरिट में ऊंची जगह हासिल की।

• फर्जी डिग्रियों के जरिए कुछ उम्मीदवारों को 15 अंक अतिरिक्त मिले।

• असली पात्र अभ्यर्थी मेरिट सूची से बाहर हो गए।

अभ्यर्थियों की मांग:

अभ्यर्थियों का कहना है कि-

1.सभी डिग्रियों और डिप्लोमा की सत्यापन प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।

2.फर्जी डिग्रीधारियों के नाम सार्वजनिक किए जाएं।

3.परीक्षा परिणाम जांच पूरी होने तक रोका जाए।

आगे की कार्रवाई:

• उच्च शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि जांच के बाद ही आगे की भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

• ग्रामीण विकास विषय में डिग्री देने वाले सभी विश्वविद्यालयों का ऑडिट किया जाएगा।

• जो संस्थान नियम विरुद्ध डिग्रियां जारी कर रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

• साथ ही, व्यापम को भी परीक्षा की पारदर्शिता पर जवाब देना होगा।

एडीईओ (ADEO) भर्ती परीक्षा में फर्जी डिग्रियों का खेल छत्तीसगढ़ में भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गहरी चोट है।इस घोटाले ने न केवल सैकड़ों अभ्यर्थियों के भविष्य को संकट में डाला है, बल्कि प्रदेश की परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच कितनी पारदर्शी और तेज होती है,और दोषियों पर कितनी सख्त कार्रवाई होती है।

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