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N.V News: छत्तीसगढ़ के सराफा कारोबारियों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच शनिवार को भी जारी रही। ईडी के अधिकारियों को जांच में अब तक सोना के अवैध कारोबार के बारे में जानकारी मिली है। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि म्यामार और बांग्लादेश का सोना पश्चिम बंगाल के रास्ते छत्तीसगढ़ तक पहुंचा है। डायरेक्टर आफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) की टीम ने वर्ष 2021 में राजनांदगांव के सराफा कारोबारी पर अवैध तरीके से सोना खरीदने के मामले में कार्रवाई की थी। उस समय भी म्यामार से सोना लाने की पुष्टि हुई थी।
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ईडी के सूत्रों की मानें तो जांच में दायरे में आए सभी 12 कारोबारियों का आपस में कनेक्शन है और ये कारोबारी मिलकर अवैध तरीके से लाए गए सोने को प्रदेश में खपाने का काम करते थे। इसका भुगतान हवाला के माध्यम से होता था। सोना को कच्चे में खरीदकर पक्के में दिखाने का काम चार्टर्ड एकाउंटेंट की टीम करती थी, इसलिए उनको भी जांच के दायरे में लिया गया है। ईडी के आला अधिकारियों ने बताया कि कारोबारियों के ठिकानों की जांच में दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। इसके आधार पर पश्चिम बंगाल में कार्रवाई की जाएगी।
ये कारोबारी जांच के दायरे में: ईडी की टीम रायपुर सहित दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बालोद के सराफा कारोबारियों की जांच कर रही है। इनमें सहेली ज्वेलर्स, नवकार ज्वेलर्स, सुमित ज्वेलर्स, पगारिया ज्वेलर्स, नाकोड़ा टेक्सटाइल प्रमुख हैं। सीए सुनील जैन, राजेंद्र कोठारी, कारोबारी प्रकाश सांखला व मदन जैन के ठिकानों पर जांच चल रही है।
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इधर आयकर विभाग का बीते चार दिनों से स्टील और पावर प्लांट कारोबारी समूहों के ठिकानों पर कार्रवाई जारी है, जो शनिवार देर रात तक भी पूरी नहीं हो पाई। आयकर अधिकारियों द्वारा कारोबारी समूहों के संचालकों के साथ ही उनके रिश्तेदारों से भी पूछताछ की जा रही है। रविवार दोपहर तक कार्रवाई पूरी होने की उम्मीद है।
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बताया जा रहा कि शनिवार तक आयकर की जांच पूरी होने की उम्मीद थी, लेकिन कुछ कागजात मिलने पर एक बार फिर से कुछ ठिकानों की जांच की गई। गौरतलब है कि बुधवार सुबह से ही आयकर की 250 सदस्यीय टीम द्वारा मारुति फेरो एलायज और ग्रेविटी स्पंज और पावर समूहों के रायपुर, रायगढ़ और खरोरा स्थित प्लांटों पर कार्रवाई जारी है। कारोबारी समूहों के ठिकानों के साथ ही उनके परिचितों व सीए के ठिकानों पर भी दबिश दी गई। विभागीय सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की टीम ने 42 ठिकानों पर जांच पूरी कर ली है, केवल तीन बचे हतुए हैं। उसमें भी मुख्य रूप से पूछताछ की जा रही है। अभी तक की जांच में एक करोड़ 10 लाख नगद, दो करोड़ की ज्वेलरी व 18 लाकर जब्त हुए हैं। इनके साथ ही कारोबारी समूहों के संचालकों और सीए के लैपटाप, डेस्कटाप, स्मार्ट फोन, पेनड्राइव आदि की क्लोनिंग भी की गई है। बताया जा रहा है कि अभी तक कि जांच में कच्चे में लेनदेन के साक्ष्य काफी ज्यादा मिले हैं। सितंबर-2021 में केंद्रीय जीएसटी ने प्रदेश में पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की 25 माइनिंग कंपनियों से 250 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी थी। इसके बाद दिसंबर-2021 में भी आयकर विभाग ने बड़े-बड़े कारोबारी समूहों पर कार्रवाई कर 250 करोड़ का अघोषित लेनदेन पकड़ा था।