“‘Buy one, get one free’ offer of liquor in Raipur on Rakshabandhan! पवित्र त्योहार पर अशोभनीय प्रमोशन से मचा बवाल”

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NV News रायपुर। रक्षाबंधन (Rakshabandhan) जैसे पारंपरिक और पवित्र त्यौहार के मौके पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शराब पर विशेष ऑफर दिए जाने को लेकर विवाद गहरा गया है। नया रायपुर स्थित एक नामी बार—आईपी क्लब( IP Club Raipur) —ने 9 अगस्त को “एक ड्रिंक खरीदो, एक ड्रिंक मुफ़्त पाओ” ‘buy one get one free’ offer शुरू की, जिस पर सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय समाजिक संगठनों तक नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि त्योहार के दिन इस तरह का प्रचार क्या सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ नहीं है?
Special offer on liquor
ऑफर का विवरण और विवाद की जड़
जानकारी के मुताबिक, आईपी क्लब ने अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए 9 अगस्त को विशेष प्रमोशन चलाया। ऑफर के तहत, जो भी ग्राहक एक ड्रिंक खरीदता, उसे एक अतिरिक्त ड्रिंक बिल्कुल मुफ़्त दी जाती। यह योजना पूरे दिन लागू थी और इसमें शराब के विभिन्न ब्रांड शामिल थे।
हालांकि, इस ऑफर का समय और तारीख ही विवाद का कारण बन गई। 9 अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। इस अवसर को मदिरा प्रमोशन से जोड़ने पर कई संगठनों और नागरिकों ने आपत्ति जताई।
सोशल मीडिया पर हंगामा
जैसे ही इस ऑफर की तस्वीरें और पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुए, लोगों ने इसे “संवेदनहीन मार्केटिंग” करार दिया। फेसबुक और एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कई यूज़र्स ने कहा कि त्यौहार के दिन शराब प्रमोशन करना न केवल गलत संदेश देता है बल्कि परिवार और समाज के मूल्यों पर भी चोट करता है। कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि क्या राज्य के आबकारी विभाग को इस तरह के ऑफर की जानकारी थी और यदि थी, तो उस पर रोक क्यों नहीं लगाई गई।
सामाजिक संगठनों का रुख
रायपुर के कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने क्लब के खिलाफ नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि रक्षाबंधन प्रेम, सम्मान और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक है, ऐसे में शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए इसे इस्तेमाल करना निंदनीय है। एक संगठन के पदाधिकारी ने कहा, “त्यौहार को व्यावसायिक फायदे के लिए इस तरह से इस्तेमाल करना हमारी संस्कृति का अपमान है। प्रशासन को तुरंत इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।”
राजनीतिक बयानबाज़ी की शुरुआत
मामले ने राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया है। विपक्षी दलों ने सरकार और आबकारी विभाग पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि सरकार शराब बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ऐसे क्लबों को खुली छूट दे रही है, जबकि राज्य में शराबबंदी की मांग लगातार उठ रही है। वहीं, सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं ने कहा कि यह क्लब का निजी मामला है, लेकिन यदि कानून का उल्लंघन हुआ है तो कार्रवाई होगी।
रक्षाबंधन के मौके पर शराब पर “एक खरीदो, एक मुफ़्त पाओ” ऑफर को लेकर खड़ा हुआ विवाद यह सवाल खड़ा करता है कि व्यावसायिक लाभ के लिए परंपराओं और त्योहारों का इस्तेमाल कहां तक उचित है। प्रशासन की जांच और संभावित कार्रवाई के बीच, यह मामला सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक जिम्मेदारी पर एक नई बहस को जन्म दे चुका है।