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N.V.News नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारतीय कंपनी मरीन बायोटेक के दो कफ़ सिरप को इस्तेमाल ना करने की सिफ़ारिश की है. चिकित्सकीय उत्पाद को लेकर जारी चेतावनी में डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को कहा कि मरीन बायोटेक के दो दूषित चिकित्सकीय उत्पाद (कफ़ सिरप) गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं पर खरे नहीं उतरे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इन कफ़ सिरप की बिक्री को पूरी तरह रोकना ज़रूरी है. इसके लिए प्रभावित देशों और इलाक़ों में आपूर्ति को लेकर निगरानी बढ़ाई जाए. उज़्बेकिस्तान ने मरीन बायोटेक के दो कफ़ सिरप से 19 बच्चों की मौत होने का आरोप लगाया था. ये कंपनी उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित है।
डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के मुताबिक़, ”ये दो उत्पाद 22 दिसंबर, 2022 को उज़्बेकिस्तान में पहचाने गए थे. ये उत्पाद हैं AMBRONOL सिरप और DOK-1 Max सिरप. इन दोनों उत्पादों का निर्माण मरीन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड करती है. तब से अब तक कंपनी ने डब्ल्यूएचओ को गुणवत्ता को लेकर कोई गारंटी नहीं दी है।”
उज़्बेकिस्तान में की गई जांच में इन कफ़ सिरप में डाइथिलीन ग्लाइकोल और इथिलीन ग्लाइकोल अस्वीकृत मात्रा में पाया गया था.गुरुवार को उत्तर प्रदेश ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने मरीन बायोटेक का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
गौतमबुद्ध नगर ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बाबर ने कहा था, ”पर्याप्त दस्तावेज़ ना देने के चलते हम मरीन बायोटेक का लाइसेंस रद्द कर रहे हैं. साथ ही कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।”