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N.V.News नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही के एक सर्कुलर में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर मर्चेंट ट्रांजैक्शंस पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) फीस लागू करने की सलाह दी है। एनसीपीआई, जो यूपीआई की गवर्निंग बॉडी है, ने सर्कुलर में कहा है कि 2,000 रुपए से अधिक राशि के लिए यूपीआई पर पीपीआई का उपयोग करने पर लेनदेन मूल्य का 1.1 फीसदी इंटरचेंज होगा।
आपको बता दें, इंटरचेंज शुल्क आम तौर पर कार्ड भुगतान से जुड़ा होता है। इसे पैसों के लेनदेन को स्वीकार करने, प्रसंस्करण (processing) और अधिकृत करने की लागत को कवर करने के लिए लगाया जाता है।
2000 रुपए से ज्यादा पेमेंट पर 1.1% surcharge:
UPI की गवर्निंग बॉडी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के सर्कुलर के अनुसार, ऑनलाइन मर्चेंट्स, बड़े मर्चेंट तथा छोटे ऑफलाइन मर्चेंट को किए गए 2,000 रुपए से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर 1.1 प्रतिशत इंटरचेंज फीस लगेगी। सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट (PPIs Issuer) जारी करने वाले को 2,000 रुपए से ऊपर के ट्रांजैक्शन वैल्यू को लोड करने के लिए रेमिटर बैंक को फीस के तौर पर 15 बेसिस प्वाइंट्स का पेमेंट करना होगा।
कहने का मतलब ये है कि मान लीजिए Paytm एक PPIs इश्यू ग्राहक ने 2500 रुपए SBI खाते से ये पैसा वॉलेट में डाला, तो Paytm रेमिटर बैंक SBI को ट्रांजैक्शन लोड करने के लिए 15 bps का पेमेंट करेगा।इंटरचेंज फीस आम तौर पर कार्ड पेमेंट से जुड़ी होती है। इसे ट्रांजैक्शन की लागत को कवर करने के लिए लगाया जाता है।