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N.V. न्यूज़ बिलासपुर :- जिले के निजी अस्पताल में इलाज के नाम पर मनमानी शुल्क वसूलने को लेकर सीएमएचओ डाक्टर अनिल श्रीवास्तव ने निर्देश जारी किया है। जिसमे निजी अस्पताल में इलाज के दौरान लगने वाले शुल्क को मरीजो के समक्ष प्रदर्शित करने कहा गया है।
इसके लिए सभी निजी अस्पताल को शुल्क का बोर्ड चस्पा करने तीन दिन का समय दिया गया है। इसके बाद अस्पतालों का निरीक्षण किया जाएगा। शुल्क बोर्ड नहीं मिलने पर अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
एमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचे मरीजो को अस्पताल प्रबन्धन द्बारा इलाज के बेसिक खर्चे बताए जाते है। जब मरीज इलाज के बाद उसका भुगतान करने पहुता है। तो बेसिक फीस के अलावा अतिरिक्त चार्ज जोड़ दिया जाता हैं। जिससे मजबूरी में उसका भुगतान मरीज के परिजनों को करना पड़ता है।
इसे देखते हुए सीएमएचओ डाक्टर अनिल श्रीवास्तव ने जिले में संचालित समस्त निजी स्वास्थ्य संस्थाएं अपने संस्थान में मरीजो के ओपीडी परामर्श शुल्क, लैब जांच शुल्क, सोनोग्राफी , एक्स-रे स्केन , फिजियोथेरेपी शुल्क , डेंटल उपचार शुल्क , पंचकर्म क्षार सूत्र शुल्क, बेड चार्ज, नîसग केयर शुल्क, चिकित्सक शुल्क , आपरेशन शुल्क और अन्य आईपीडी उपचार के दौरान लिये जाने वाले समस्त शुल्क का विवरण अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने कहा है। ताकि एमरजेंसी में इलाज कराने आए मरीजों के परिजनों को अस्पताल में इलाज के दौरान आने वाले खर्च का पता आसानी से चल सके।
परामर्श के दौरान पूरी जानकारी देने के निर्देश
शुल्क विवरण के अलावा हॉस्पिटल प्रबन्धन मरीजो को उपचार के दौरान होने वाले संभावित व्यय और उपचार की समस्त प्रक्रिया जैसे अनुमानित भर्ती दिवस संभावित आपरेशन , उपचार के दौरान संभावित जटिलताएं आदि का विवरण परामर्श के दौरान आवश्यक रूप से देने कहा गया है। साथ ही आईपीडी वाले संस्थान में 24 घण्टे रोटेशन के अनुसार कार्यरत चिकित्सक और नर्सिग स्टाफ के ड्यूटी रोस्टर का प्रदर्शन अनिवायã रूप से करने निर्दशित किया गया है।