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N.V.News नई दिल्ली: गुजरात के बिलकिस बानो केस में दोषियों की जल्द रिहाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई का फैसला रद्द कर दिया है. कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य माना है. SC ने कहा, महिला सम्मान की हकदार है. राज्य इस तरह का निर्णय लेने के लिए ‘सक्षम नहीं’ है और इसे ‘धोखाधड़ी वाला कृत्य’ करार दिया।
जस्टिस बीवी नागरथाना और उज्जल भुइयां की बेंच ने फैसला सुनाया और कहा, 11 दोषियों की जल्द रिहाई को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका वैध है. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि दोनों राज्यों (महाराष्ट्र-गुजरात) के लोअर कोर्ट और हाई कोर्ट फैसले ले चुके हैं. ऐसे में कोई आवश्यकता नहीं लगती है कि इसमें किसी तरह का दखल दिया जाए. अब दो हफ्ते के अंदर दोषियों को सरेंडर करना होगा।
अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था. दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बिलकिस के दोषियों को जेल जाना होगा।