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N.V.News नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने हाल ही में एक प्रेस कांफ्रेंस में मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगी नेता अमेरिका के एजेंट हैं। पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि विभिन्न घटनाओं और समझौतों से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय नेताओं ने अमेरिकी सहायता एजेंसी USAID से वित्तीय मदद ली है, जिसका सीधा संबंध देश की संप्रभुता से है।
उन्होंने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी से पहले USAID के साथ एक समझौता किया था, और कोविड-19 महामारी के दौरान मोदी सरकार ने USAID से 100 मिलियन डॉलर की मदद ली। इसके साथ ही, खेड़ा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा भी USAID से विभिन्न प्रकार के सहयोग की चर्चा की।
पवन खेड़ा का आरोप था कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इन समझौतों का भारतीय संप्रभुता और आत्मनिर्भरता पर कोई नकारात्मक असर पड़ा है। उनका कहना था कि जब हमारे देश के प्रमुख नेता और मंत्री विदेशी सहायता प्राप्त कर रहे हैं, तो क्या यह एक संकेत है कि भारत का नेतृत्व विदेशी शक्तियों के प्रभाव में आ गया है?
उन्होंने कहा कि यह सरकार के लिए एक गंभीर सवाल है और इसे सार्वजनिक रूप से जवाब देना चाहिए। पवन खेड़ा ने यह भी सवाल उठाया कि अगर USAID जैसी संस्था से मदद ली जा रही है, तो क्या ये भारतीय नेताओं के स्वतंत्र निर्णय पर प्रश्न चिह्न नहीं है?
कांग्रेस नेता की यह प्रेस कांफ्रेंस राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि विदेशी वित्तीय मदद से भारतीय सरकार का संबंध कैसा होना चाहिए, खासकर जब यह मुद्दा देश की संप्रभुता से जुड़ा हो।