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N.V.News नई दिल्ली: नीट पेपर लीक प्रकरण से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। मामले में कई स्तर पर समीक्षा और जांच चल रही है। ईओयू ने पूरे मामले पर अपनी जांच रिपोर्ट केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है। इधर ईओयू और बिहार पुलिस की टीमें बिहार से लेकर झारखंड तक ताबड़तोड़ छापेमारी कर आरोपितों और संदिग्धों को गिरफ्तार करने में जुटी हुई हैं। लीक प्रकरण को देखते हुए सरकार ने कई पेपर को स्थगित की है। नीट पेपर लीक प्रकरण को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है। पेपर लीक को लेकर कांग्रेस सड़क से लेकर संसद पर मोदी सरकार को घेर रही रही। संसद सत्र शुरू होने के बाद विपक्ष संसद में नीट पेपर लीक पर चर्चा की मांग कर रहे है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में पेपर लीक प्रकरण पर चर्चा की मांग करते हुए कहा कि हम NEET घोटाले पर 267 के नियम के तहत सदन में चर्चा कर के, इससे पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज़ उठाना चाहते थे। इसलिए लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे। हम केवल छात्रों के मुद्दों को उठाना चाहते थे। लेकिन उन्होंने इसका मौका नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सात वर्षों ने 70 पेपर लीक हुए है, मोदी सरकार ने युवाओं के साथ विश्वासघात किया है।
राज्य सभा के सभापति जी से मैं ये कहूँगा कि विपक्ष के प्रति उनका आज का सौतेला व्यवहार “भारतीय संसद के इतिहास में दागी हो गया है” !
सभापति जी केवल सत्ता पक्ष की ओर देख रहे थे। मैंने उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए 10 मिनट तक हाथ उठाया, खड़ा हुआ, संसदीय गरिमा और नियमों का पालन किया, फ़िर भी उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता की ओर नहीं देखा। जब नेता विपक्ष नियमानुसार उनका ध्यान आकर्षित करता है, तो उन्हें उसकी ओर देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने मुझे अपमानित करने के लिए जानबूझकर मुझे नजरअंदाज कर दिया, मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा। इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यह सभापति साहब की गलती है।