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NV news :मुंगेली जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पदमपुर के प्राचार्य मालिक राम मेहर और बाबू सहायक ग्रेड 3 हनी शर्मा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। यह घटना 10 जनवरी को हुई, जब ACB बिलासपुर इकाई ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई की।
घटना की शुरुआत 7 जनवरी 2025 को हुई, जब ऋषभ अपार्टमेंट जबड़ा पारा सरकंडा निवासी ईश्वर लाल भारती ने एसीबी बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने बताया कि उन्होंने 31 जुलाई 2024 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी और उनके जीपीएफ, पेंशन तथा ग्रेच्यूटी राशि का बिल निकालने के लिए शासकीय मिडिल स्कूल जरहागांव के डीडीओ सह प्राचार्य मालिक राम मेहर और बाबू हनी शर्मा ने उनसे 30,000 रुपए की रिश्वत की मांग की थी।
ईश्वर लाल भारती ने बताया कि वह पहले ही 20,000 रुपए दे चुके थे, लेकिन शेष 10,000 रुपए को वह रिश्वत के रूप में नहीं देना चाहते थे। इसके बजाय उन्होंने ACB से आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़वाने की योजना बनाई। इस पर ACB ने शिकायत की सत्यता की जांच की और पाया कि शिकायत सही थी। इसके बाद आरोपियों द्वारा 10,000 रुपए की रिश्वत के बजाय 8,000 रुपए की राशि लेने की सहमति दी गई।
ACB की टीम ने शिकायत की पुष्टि के बाद कार्ययोजना बनाई और 10 जनवरी को प्रार्थी को रिश्वत की राशि के साथ आरोपी प्राचार्य के घर भेजा। जैसे ही ईश्वर लाल भारती ने प्राचार्य से 8,000 रुपए की रिश्वत दी, एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। साथ ही, बाबू हनी शर्मा को भी रिश्वत मांगने के आरोप में उनके घर से गिरफ्तार किया गया।
इस कार्रवाई से आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। दोनों आरोपियों के पास से रिश्वत की राशि 8,000 रुपए बरामद की गई। एसीबी ने आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक प्रक्रिया के तहत उन्हें न्यायालय में पेश किया गया।
इस कार्रवाई ने मुंगेली जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है। ACB की टीम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है। इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि ACB किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए तत्पर है, चाहे वह शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी हो या कर्मचारी।
यह घटना दर्शाती है कि अगर आम नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसकी शिकायत पर प्रशासन प्रभावी कदम उठाता है और अपराधियों को सजा दिलवाता है। एसीबी की इस बड़ी कार्रवाई ने यह सिद्ध कर दिया कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।