ब्रेकिंग न्यूज़: हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा में कांग्रेस घर-घर पहुंचाएगी राहुल की चिट्ठी- मोहन मरकाम

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N.V. न्यूज़ रायपुर : गणतंत्र दिवस के मौके पर छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से कांग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का आगाज हो गया। छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष मोहन मरकाम, छत्‍तीसगढ़ पर्यवेक्षक अरुण यादव की अगुवाई में रायपुर के गांधी मैदान स्थित पार्टी कार्यालय से इस अभियान की शुरुआत हुई। इस मौके पर कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

इस मौके पर मोहन मरकाम ने कहा, राहुल गांधी के संदेश को लेकर प्रदेश के हर घर तक पहुंचाएंगे। साथ ही छत्‍तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की योजनाओं की जानकारी लोगों को बताएंगे

हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा में कांग्रेस घर-घर पहुंचाएगी राहुल की चिट्ठी

कांग्रेस की देशभर में चल रही ‘भारत जोड़ो यात्रा के बाद 26 जनवरी से ‘हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा शुरू हो गई। इस यात्रा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक पत्र को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। राहुल के पत्र में ‘स्वर्णिम भारत का वादा किया गया है। इसमें महंगाई, रोजगार और उद्यमों पर जोर देने की बात कही जा रही है। वर्तमान में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर के बनिहाल पहुंच चुकी है। यहां से श्रीनगर की दूरी करीब 295 किमी बची है। यह रास्ता 30 जनवरी तक पूरा क़र लिया जाना है।

पत्र में राहुल गांधी ने लिखा है कि मैं सड़क से लेकर संसद तक प्रतिदिन इन बुराइयों के खिलाफ लड़ूंगा। मैं एक ऐसा भारत बनाने के लिए दृढसंकल्पित हूं जहां हर भारतीय के पास सामाजिक खुशहाली के साथ आर्थिक समृद्धि के समान अवसर हों। राहुल गांधी ने लिखा है कि कांग्रेस परिवार पिछले 137 वर्षों से भारत की प्रगति के लिए समर्पित है। कांग्रेस ने हर मुश्किल समय में भारत को जोड़ने का काम किया है। आज फिर भारत एक मुश्किल दौर से गुजर रहा

कांग्रेस ने हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू किया है। आप इस अभियान का हिस्सा बनकर एक ऐसे स्वर्णिम भारत के निर्माण में हमारा साथ दें जहां हर भारतीय के पास सपने देखने और उसे पूरा करने के समान अवसर उपलब्ध हों। बुधवार को राजीव भवन में महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष शोभा ओझा ने राहुल का यह पत्र जारी किया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित वरिष्ठ नेता मौजूद रहे

राहुल के पत्र में बेरोजगारी और महंगाई का जिक्र

राहुल ने लिखा है कि वर्तमान स्थिति में देश गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। युवा बेरोजगार हैं और महंगाई आसमान छू रही है। किसान कर्ज के बोझ तले दबा है, सारी संपत्ति चंद उद्योगपतियों के कब्जे में है, कुछ विभाजनकारी ताकतें हमारी विविधता की ताकत को हमारे खिलाफ इस्तेमाल कर रही हैं और एक धर्म को दूसरे धर्म से, एक जाति को दूसरी जाति से, एक राज्य को दूसरे राज्य से लड़ाया जा रहा है।

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