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N.V.News नई दिल्ली: अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा कदम उठाया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत के स्थानीय बैंकों से अडानी ग्रुप की कंपनियों को लेकर रिपोर्ट मांगी है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार ने अडानी समूह की कंपनियों की सरकार और बैंकिंग सोर्स में उनके जोखिम के बारे में जानकारी मांगी है. RBI ने देश की सभी बैंकों को निर्देश जारी कर अडानी ग्रुप को दिए गए लोन का ब्योरा मांगा है।
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई, जो अभी भी जारी है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट के जरिए जनता को गुमराह किया गया है।
FPO वापस ले लिया:
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद लगातार नुकसान झेल रहे अडानी ग्रुप ने बुधवार, 1 फरवरी को अपने फ्लैगशिप FPO (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) को वापस ले लिया. अडानी ग्रुप का ये 20 हजार करोड़ रुपये की कीमत वाला FPO अपने ऑफर के अंतिम दिन पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया था. इस FPO को वापस लेने के फैसले का ऐलान करते हुए अडानी ग्रुप की तरफ से कहा गया है कि ये फैसला मार्केट में मची उथल-पुथल के मद्देनजर लिया गया है. कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बुधवार को मीटिंग हुई थी. इसमें निवेशकों के हित को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया।
गौतम अडानी खुद सामने आए:
इसके बाद गुरुवार, 2 फरवरी को अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी खुद कंपनी के निवेशकों के सामने आए. उन्होंने निवेशकों को संबोधित करते हुए संदेश दिया कि सब ठीक है. साथ ही बताया कि अडानी एंटरप्राइजेस ने अपने फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर यानी FPO को क्यों वापस ले लिया है.गौतम अडानी FPO वापस लेने के फैसले पर अपनी बात रखते हुए कहा कि बाजार की हालत देखते हुए FPO को जारी रखना नैतिक तौर पर सही नहीं था।