Share this
N.V. न्यूज़ कवर्धा सामाजिक रीति-रिवाजों के जाल में लोग इस कदर उलझे हुए हैं की उनके लिए इंसानियत कोई मायने नहीं रखता, तो सिर्फ समाज के नियम और कायदे। एक ऐसा ही मामला कवर्धा जिला के पसवारा गांव से सामने आया है, जहां एक मृत व्यक्ति की लाश को मृतक के परिजनों और गांव वालों ने कंधा देने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि वह समाज से बहिष्कृत था।
मृतक रज्जू मेरावी (50) पिछले लंबे समय से बीमार चल रहा था, जिस वजह से कल रात उनकी मृत्यु हो गई। महिला ने अंतिम संस्कार के लिए अपने परिजनों और गांव वालों से मदद मांगी, लेकिन कोई सामने नहीं आया। महिला रात भर अपने पति के शव के सामने रोती- बिलखती रही लेकिन किसी का भी ह्रदय नहीं पसीजा। अगली सुबह यानी आज पंडरिया थाना को घटना की जानकारी मिला जिसके बाद पंडरिया पुलिस ग्राम में जाकर मृतक का विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक रज्जू मेरावी 20 वर्ष पहले अपने पहले पत्नी को छोड़कर दूसरा शादी किया था, तब से उनके समाज द्वारा उन्हें बहिष्कृत कर दिया गया था। तब से लेकर आज तक किसी भी प्रकार की सामाजिक कार्यक्रम में आना जाना बंद था। आज इनकी मृत्यु के उपरांत भी समाजिक कट्टरता के चलते अंतिम संस्कार के लिए भी कोई आगे नहीं आया।