मिशन 2023 पर भाजपा की नजर, हार पर मंथन का दौर जारी, दिल्ली तक बैठकों का सिलसिला शुरू

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NV News:-  छत्तीसगढ़ में साल 2018 में बीजेपी को विधानसभा चुनाव में करारी हार हुई थी और बीजेपी 15 सालों बाद विपक्ष में आई थी. क्योंकि बीजेपी राज्य गठन के साथ ही बतौर विपक्ष की भूमिका में 3 सालों तक थी. राजनीतिक गलियारों में इस बात की उम्मीद थी कि बीजेपी एक सशक्त भूमिका में नजर आएगी. मगर समय के साथ चुनाव-दर-चुनाव बीजेपी और अधिक कमजोर होते गई. साल 2018 के बाद अब तक हुए कुल चार उपचुनावों में बीजेपी को हार झेलनी पड़ी. इतना ही नहीं नगरीय निकाय चुनावों में भी बीजेपी का सुपड़ा साफ हो गया. इस बीच प्रदेश प्रभारी बदल दिया गया, मगर चुनावी परिणाम में कोई बदलाव नहीं हो सका.

 

छत्तीसगढ़ में हार से हाहाकार और दिल्ली में मंथन-चिंतन के विषय पर कांग्रेस ने बीजेपी तंज कसा है. कांग्रेस की ओर से संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी दिल्ली ही नहीं UNO में भी बैठक कर लें. मगर उसका लाभ कुछ नहीं हो पाएगा. बीजेपी का भविष्य फिलहाल छत्तीसगढ़ में दिखाई नहीं दे रहा है.

 

यह बात सच हैं कि लगातार मिल रही हार से छत्तीसगढ़ बीजेपी में हाहाकार मचा हुआ है. मगर हाहाकार के इतर मंथन-चिंतन का परिणाम क्या होगा यह तो वक्त की गर्त में छिपा है. मगर फिलहाल इतना तो तय हैं कि इस बार के मंथन से निकलने वाला विष का हलाहल छत्तीसगढ़ के बड़े चेहरों को तो करना ही पड़ेगा.

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