Big revelation in Bilaspur: कथित तांत्रिक केके श्रीवास्तव पर चार्जशीट दाखिल, करोड़ के लेन-देन और विदेशी निवेश का पर्दाफाश
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बिलासपुर/रायपुर। कथित तांत्रिक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले कृष्ण कुमार श्रीवास्तव उर्फ केके के खिलाफ तेलीबांधा पुलिस ने विस्तृत चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है, जिसमें करोड़ों के विदेशी निवेश से लेकर महादेव ऑनलाइन सट्टा कनेक्शन तक के चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
पुलिस चार्जशीट के अनुसार, केके श्रीवास्तव और उसके बेटे कंचन ने हवाला के जरिए चीन और ऑस्ट्रेलिया में भारी निवेश किया, जिनकी कुल लेन-देन राशि 441 करोड़ रुपए तक पहुंचती है। फॉरेंसिक जांच में यह भी पुष्टि हुई है कि दोनों ने महादेव ऑनलाइन सट्टा एप से जुड़ी ‘मेस्टिजिक’ कंपनी में भी निवेश किया है।
पिछली सरकार में बेहद प्रभावशाली था केके श्रीवास्तव
पुलिस की जांच में सामने आया है कि पिछली सरकार के दौरान केके श्रीवास्तव का कई बड़े राजनीतिक नेताओं से गहरा संपर्क था।
उसने नोएडा की रावत एसोसिएट कंपनी के मालिक अर्जुन सिंह को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 500 करोड़ के ठेके दिलाने का लालच दिया, जिसके बदले उसने 15 करोड़ रुपए ले लिए।
एफआईआर के बाद केके और उसका बेटा कंचन फरार हो गए थे। लंबी जांच के बाद पुलिस ने केके को 24 जून को भोपाल से गिरफ्तार किया।
कांग्रेस नेता ने छिपाकर नागपुर ले गया था केके को
जांच में खुलासा हुआ कि युवा कांग्रेसी नेता आशीष शिंदे ने अपनी कार में केके को छिपाकर नागपुर ले जाने में मदद की। दोनों कुछ दिनों तक नागपुर में रहे, फिर दिल्ली पहुंचे।
करीब एक महीने बाद केके भोपाल आया, जबकि शिंदे रायपुर लौट आया। पुलिस ने आरोपी को शरण देने के आरोप में आशीष शिंदे को भी गिरफ्तार किया है।
बैंक खातों में करोड़ों का लेन-देन
पुलिस ने करीब 12 बैंकों के लेन-देन रिकॉर्ड खंगाले, जिसमें सामने आया कि कंचन ने कई परिचितों के खातों का उपयोग हवाला और अन्य ट्रांजैक्शन के लिए किया।
अर्जुन सिंह ने 10 से 17 जुलाई 2023 के बीच अलग-अलग 12 खातों में 15 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए, जिनमें से तीन खाते बिलासपुर निवासी अब्बास अली के नाम पर थे, जो केके के लिए काम करता था।
चार्जशीट में मनी लॉन्ड्रिंग और महादेव सट्टा कनेक्शन शामिल
चार्जशीट के अनुसार, केके और कंचन लगातार अर्जुन सिंह को फर्जी दस्तावेज भेजते रहे और झूठा भरोसा दिलाते रहे कि वह स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट दिलवा देंगे।
कुछ रकम लौटाने के बाद उन्होंने बाकी पैसा वापस नहीं किया और निजी उपयोग में खर्च कर दिया।
मामले में मनी लॉन्ड्रिंग, महादेव सट्टा बुक कनेक्शन, और हवाला नेटवर्क की जानकारी शामिल करते हुए रिपोर्ट ईडी और सीबीआई को भेजी गई है।
ईडी ने जांच शुरू कर दी है और सीबीआई भी जल्द पूछताछ करेगी। महादेव सट्टा केस में अब तक 120 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
