नक्सलवाद पर बड़ा प्रहार: 23 इनामी समेत 25 हार्डकोर नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सरकार की नीति लाई रंग

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NV News:बीजापुर, 24 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है। जिले में एक साथ 25 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। आत्मसमर्पण करने वालों में 23 इनामी नक्सली भी शामिल हैं, जिन पर कुल ₹1 करोड़ 15 लाख का इनाम घोषित था। इस घटनाक्रम को राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे परिवर्तन की ऐतिहासिक घड़ी बताते हुए कहा, “बंदूकें अब ख़ामोश हो रही हैं और बीजापुर बदलाव की राह पर है। यह बदलाव कोई संयोग नहीं, बल्कि हमारी सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और जनकल्याणकारी योजनाओं की व्यापक स्वीकार्यता का प्रमाण है।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ‘नियद नेल्लानार योजना’ जैसी पहलों ने आदिवासी अंचलों में विश्वास की नींव रखी है, जिससे उग्रवाद छोड़कर लोग अब विकास की ओर लौट रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को पुनर्वास, सुरक्षा और सामाजिक सम्मान के साथ जीवन जीने का हर अवसर दिया जाएगा।”

मुख्यमंत्री साय ने केंद्र सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि “यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री  अमित शाह जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में तेजी से नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही हो रही है। हम मार्च 2026 तक राज्य को नक्सलमुक्त बनाने के लक्ष्य की ओर दृढ़ता से बढ़ रहे हैं।”

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कई ऐसे सदस्य हैं जो सालों से पुलिस को चकमा देते हुए जंगलों में सक्रिय थे। इनमें प्लाटून कमांडर, एरिया कमेटी सदस्य और IED विशेषज्ञ जैसे खूंखार नक्सली भी शामिल हैं। इनके आत्मसमर्पण से नक्सल संगठन को बड़ा झटका माना जा रहा है।

बीजापुर एसपी और जिला प्रशासन ने आत्मसमर्पण प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ अंजाम दिया। सभी surrendered नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास योजना के तहत आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण, स्वरोजगार और सामाजिक पुनर्स्थापन की सुविधाएं दी जाएंगी।

इस घटनाक्रम को लेकर सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासनिक अधिकारियों में उत्साह है। उनका मानना है कि अगर यह सिलसिला जारी रहा तो बीजापुर ही नहीं, पूरे बस्तर क्षेत्र से नक्सलवाद का जल्द अंत हो सकता है।

इस सामूहिक आत्मसमर्पण को छत्तीसगढ़ में शांति और विकास के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। सरकार की नीति और जनविश्वास के बल पर अब यह विश्वास और गहरा होता जा रहा है कि आने वाले समय में राज्य नक्सलवाद के साए से पूरी तरह मुक्त होगा।

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