करणी सेना का बड़ा ऐलान: 7 दिसंबर को रायपुर में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन, पुलिस पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप
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बिलासपुर। करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत शनिवार को बिलासपुर दौरे पर रहे। शहर पहुंचते ही उन्होंने क्षत्रिय समाज की एक बड़ी बैठक ली और स्पष्ट कहा कि 7 दिसंबर को रायपुर में देशभर का क्षत्रिय समाज एकजुट होकर जोरदार प्रदर्शन करेगा। यह विरोध प्रदर्शन वीरेंद्र सिंह तोमर के समर्थन में किया जाएगा, जिनके साथ हुई पुलिस की कथित अभद्रता को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
नंगे पांव घुमाने और पानी नहीं देने का आरोप:-
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. शेखावत ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने वीरेंद्र सिंह तोमर को नंगे पांव बाजार में घुमाया, जमीन पर पैर रखकर उठाया और पानी मांगने पर भी पानी नहीं दिया। उन्होंने इसे मानवाधिकार और संविधान का खुला उल्लंघन बताया।
करणी सेना का दावा है कि कस्टडी के दौरान वीरेंद्र सिंह तोमर के भाई की पत्नी के साथ भी गंभीर अभद्रता की गई, और पुलिसकर्मियों ने उनके कपड़े उतरवाए। इस घटना को लेकर करणी सेना ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और आरोप लगाया है कि यह पूरी कार्रवाई एकतरफा तरीके से की गई है।
थाना प्रभारी पर भी गंभीर आरोप:-
डॉ. शेखावत ने थाने के प्रभारी योगेश कश्यप पर भी गंभीर आरोप लगाए और कहा कि पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पक्षपाती दिख रही है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा—
“जिस भाषा में बात करनी पड़ेगी, करणी सेना उसी भाषा में जवाब देगी। संविधान के दायरे में रहकर संघर्ष करेंगे, लेकिन पुलिस की बर्बरता किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने दावा किया कि 7 दिसंबर को रायपुर में “आर-पार की लड़ाई” होगी।
पुलिस रिकॉर्ड में गंभीर मामले दर्ज:-
वहीं पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वीरेंद्र सिंह तोमर पर अवैध वसूली और मारपीट जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं और उन्हें ‘सूदखोर वीरेन्द्र तोमर’ के नाम से भी जाना जाता है।
लेकिन करणी सेना का कहना है कि—
“आरोप अलग विषय है, लेकिन पुलिस की कथित ज्यादती एक बिल्कुल अलग मुद्दा है, जिस पर कार्रवाई जरूरी है।”
अब पूरे प्रदेश की नजर पुलिस प्रशासन और न्यायपालिका की अगली कार्रवाई पर टिकी है।
