Baster breaking: मणिपुर हमले में शहीद जवान रंजीत कश्यप को अंतिम विदाई, हजारों की भीड़ उमड़ी…NV News 

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जगदलपुर/(Baster breaking): बस्तर के लाल रंजीत कश्यप ने देश की रक्षा करते हुए मणिपुर में शहादत प्राप्त की। तीन दिन पहले असम राइफल्स के जवानों पर उग्रवादियों द्वारा किए गए हमले में रंजीत कश्यप गंभीर रूप से घायल हो गए थे और बाद में उनका निधन हो गया। सोमवार सुबह उनका पार्थिव शरीर सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से जगदलपुर लाया गया और वहां से सड़क मार्ग के जरिए उनके गृहग्राम बालेंगा पहुंचाया गया।

गांव में जवान के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। शहीद के आगमन पर माहौल गमगीन हो गया और लोगों की आंखें नम हो गईं। जैसे ही सेना के जवानों ने तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को उतारा, “भारत माता की जय” और “रंजीत कश्यप अमर रहें” के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।

इस दौरान राज्य के मंत्री केदार कश्यप, बस्तर संभाग के आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और कलेक्टर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मंत्री केदार कश्यप ने शहीद के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और कहा कि राज्य सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि शहीद के सम्मान में गांव में उनकी स्मृति में स्मारक बनाया जाएगा और परिजनों को सभी सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

रंजीत कश्यप की अंतिम यात्रा पूरे राजकीय सम्मान के साथ निकाली गई। सेना के बैंड दल ने गगनभेदी धुन बजाते हुए उन्हें सलामी दी। अंतिम संस्कार में ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के गांवों के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। हर किसी की जुबान पर बस एक ही बात थी, “रंजीत की शहादत बेकार नहीं जाएगी।”

रंजीत कश्यप असम राइफल्स में तैनात थे और लगभग छह साल से सेना की सेवा कर रहे थे। उनकी शहादत ने न सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे बस्तर को गर्व और गम दोनों से भर दिया है। परिजनों ने गर्व भरे स्वर में कहा कि उनका बेटा देश के लिए कुर्बान हुआ है और यह उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान है।

गांव के युवाओं ने रंजीत को आदर्श मानते हुए देशसेवा का संकल्प लिया। लोगों का कहना था कि उनकी वीरगाथा आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।

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