“Bastar Maoist Operation”:माओवादी से”थ्री स्टार”अफसर बने संजय पोटाम,9 जवानों को वीरता पदक …NV News

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NV News: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर छत्तीसगढ़ के 11 बहादुर पुलिस अफसर और जवानों को राष्ट्रपति वीरता पदक और अन्य सम्मान घोषित किए गए हैं। सबसे खास नाम है दंतेवाड़ा के निरीक्षक संजय पोटाम का जो कभी माओवादी संगठन में कमांडर थे, लेकिन 2013 में हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटे और अब तीसरी बार यह सर्वोच्च पुलिस वीरता सम्मान हासिल कर रहे हैं।
माओवादी से पुलिस अफसर तक का सफर:
बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के पुसनार गांव के रहने वाले संजय पोटाम ने कभी सरकार और सिस्टम के खिलाफ बंदूक उठाई थी। जनवरी 2013 में आत्मसमर्पण कर उन्होंने पुलिस बल जॉइन किया। शुरुआत में गोपनीय सैनिक के रूप में कार्य किया और अपनी लगन व बहादुरी से थ्री-स्टार अधिकारी यानी निरीक्षक पद तक पहुंचे। माओवादियों के खिलाफ कई बड़े और सफल ऑपरेशनों में उनकी अहम भूमिका रही है। वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि उनकी रणनीति और नेतृत्व से सुरक्षा बलों को बड़ी सफलताएं मिलीं।
अब माओवादियों के खिलाफ गरजती है बंदूक:
पूर्व माओवादी कमांडर पोटाम अब उसी रास्ते पर माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशनों का नेतृत्व करते हैं। उनके नाम कई इनाम, प्रशस्तियां और वीरता की कहानियां दर्ज हैं। यह तीसरा मौका है जब उन्हें राष्ट्रपति वीरता पदक से नवाजा जाएगा।
महिला डीएसपी अंजू की वीरता:
सम्मान पाने वालों में महिला डीएसपी अंजू कुमारी का नाम भी शामिल है। दिसंबर 2021 में उन्होंने दंतेवाड़ा के पोटाली इलाके में माओवादी विरोधी अभियान का नेतृत्व किया। 50 से 60 हथियारबंद नक्सलियों से मुठभेड़ में उन्होंने अदम्य साहस दिखाते हुए दो माओवादियों को मार गिराया। अंजू कुमारी 2021 से दंतेवाड़ा में तैनात हैं और अपने साहसी नेतृत्व के लिए जानी जाती हैं।
वीरता पदक से सम्मानित होने वाले अन्य नाम:
• लालजी सिन्हा (निरीक्षक, कबीरधाम)
• भुनेश्वर साहू (यातायात पुलिस, रायपुर)
• कमलेश मरकाम (प्रधान आरक्षक, दंतेवाड़ा)
• दिनेश भास्कर (प्रधान आरक्षक, दंतेवाड़ा)
• चैतराम गुरुपंच (निरीक्षक, सुकमा)
• हेमला नंदू (प्रधान आरक्षक, दंतेवाड़ा)
• प्यारस मिंज (सहायक उपनिरीक्षक, दंतेवाड़ा)
• मनोज पुनेम (प्रधान आरक्षक, दंतेवाड़ा)
• शहीद बुधराम कोरसा (प्रधान आरक्षक, दंतेवाड़ा)-मरणोपरांत, सम्मान उनकी पत्नी सुखमती कोरसा को मिलेगा।
अन्य सम्मान:
• राष्ट्रपति का पुलिस पदक (विशिष्ट सेवा): महेश राम साहू (सेवानिवृत्त निरीक्षक, विशेष शाखा), ज्ञानेन्द्र कुमार अवस्थी (रिटायर्ड एआईजी, पीएचक्यू)
• भारतीय पुलिस पदक (सराहनीय सेवा): अनिल कुमार कश्यप (डीएसपी, मुख्यालय), हरिशंकर प्रताप सिंह (निरीक्षक, विशेष मुख्यालय), नरेश कुमार पैकरा (कंपनी कमांडर, 7वीं वाहिनी, भिलाई), वली मोहम्मद शेख (निरीक्षक, योजना प्रबंध मुख्यालय)
दंतेवाड़ा और बस्तर क्षेत्र में माओवादी विरोधी संघर्ष में इन अधिकारियों और जवानों की वीरता ने एक बार फिर साबित किया है कि साहस और सेवा की राह चुनने वालों के लिए कोई अतीत बाधा नहीं बन सकता। संजय पोटाम की कहानी इसका सबसे प्रेरक उदाहरण हैं,जहां बंदूक का रुख बदलकर विनाश से सुरक्षा की ओर मोड़ दिया गया।