ईसाई पादरी के प्रवेश पर प्रतिबंध — ग्रामीणों ने धार्मिक परिवर्तन रोकने के लिए लगाया बोर्ड

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भानुप्रतापपुर। दुर्गकोंदल ब्लॉक मुख्यालय अंतर्गत ग्राम कोड़ेकुर्से में आज ग्रामीणों ने बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने गांव में ईसाई समुदाय के पादरी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए मुख्य मार्ग पर बोर्ड लगा दिया, जिसमें साफ लिखा गया है कि गांव में धार्मिक परिवर्तन की गतिविधियों की अनुमति नहीं है।

सामूहिक बैठक में लिया गया फैसला:-

ग्रामीणों ने बताया कि यह निर्णय किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि सामूहिक ग्रामसभा में सर्वसम्मति से लिया गया है। बैठक में यह तय किया गया कि गांव की सामाजिक एकता, पारंपरिक आस्था और धार्मिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए बाहरी धार्मिक गतिविधियों पर रोक जरूरी है।

धर्मांतरित ग्रामीण के शव विवाद से जुड़ा मामला:-

ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले इसी गांव में एक धर्मांतरित ग्रामीण के शव के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। विवाद इतना बढ़ गया कि अंततः उस शव का अंतिम संस्कार जिले से बाहर, बस्तर संभाग के किसी अन्य स्थान पर कराया गया था।

इस घटना के बाद से ही ग्रामीणों में धार्मिक परिवर्तन को लेकर असंतोष और जागरूकता दोनों बढ़ी, जिसके परिणामस्वरूप अब यह निर्णय लिया गया है।

धार्मिक परिवर्तन पर रोक की पहल:-

गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने मिलकर तय किया कि धर्मांतरण जैसी गतिविधियों को गांव की परंपरा और सामाजिक ताने-बाने के लिए हानिकारक माना जाएगा। इसलिए अब गांव में धर्म परिवर्तन कराने वालों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।

पहले भी 14 ग्राम पंचायतों में लग चुके हैं ऐसे बोर्ड:-

सूत्रों के अनुसार, जिले की 14 ग्राम पंचायतों में पहले भी इसी तरह के बोर्ड लगाए जा चुके हैं। अब दुर्गकोंदल ब्लॉक के कोड़ेकुर्से गांव का नाम भी इस सूची में शामिल हो गया है। ग्रामीणों ने कहा कि यह कदम किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि गांव की एकता और परंपरा को बनाए रखने की दिशा में उठाया गया है।

ग्रामीणों का संकल्प: “गांव की आस्था और एकता कायम रहे”:-

ग्रामीणों का कहना है कि वे किसी भी प्रकार के धार्मिक विवाद या बाहरी प्रभाव से अपने गांव को दूर रखना चाहते हैं। उनका उद्देश्य है कि गांव में शांति, आपसी प्रेम और परंपरागत आस्था बनी रहे।

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