महिला DSP की फेक आईडी बनाकर ठगी की कोशिश, सोशल मीडिया पर फर्नीचर बेचने का फर्जी विज्ञापन जारी, पुलिस जांच में जुटी

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NV News बिलासपुर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से एक सनसनीखेज साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला डीएसपी की फेक आईडी बनाकर ठग ने लोगों से पैसे ऐंठने की कोशिश की है। ठग ने WhatsApp पर महिला डीएसपी के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर न केवल सोशल मीडिया में फर्नीचर बेचने का विज्ञापन डाला, बल्कि डीएसपी के परिचितों को व्यक्तिगत मैसेज भेजकर पैसों की मांग भी की।

यह गंभीर मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। यहां एसएसपी मुख्यालय में पदस्थ महिला डीएसपी रश्मित कौर चावला को लेकर किसी अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी व्हाट्सऐप आईडी तैयार की और उस पर डीएसपी की असली तस्वीर लगाकर लोगों को ठगने का प्रयास किया। डीएसपी की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है।

जानकारी के अनुसार, फर्जी आईडी बनाकर आरोपी ने फर्नीचर बेचने का एक विज्ञापन भी सोशल मीडिया पर साझा किया। विज्ञापन में दिखाए गए फर्नीचर की कीमत आकर्षक रूप से कम रखी गई थी, ताकि लोग उससे संपर्क करें और वह ठगी को अंजाम दे सके।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि ठग ने डीएसपी के कुछ परिचितों को व्हाट्सऐप के जरिए मैसेज भेजकर व्यक्तिगत कारणों से आर्थिक सहायता की मांग की। हालांकि, एक जागरूक परिचित को जब इस पर संदेह हुआ, तो उसने तुरंत डीएसपी से संपर्क कर इसकी जानकारी दी।

डीएसपी रश्मित कौर चावला ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल सिविल लाइन थाना पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी तस्वीर का दुरुपयोग कर सोशल मीडिया पर उनकी फर्जी पहचान बनाकर लोगों को ठगने की कोशिश की है।

सिविल लाइन थाना प्रभारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और साइबर सेल की मदद से फर्जी आईडी बनाने वाले आरोपी की तलाश की जा रही है। प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि फर्जी प्रोफाइल किसी बाहरी राज्य के मोबाइल नंबर से बनाई गई है, जिसकी जांच तकनीकी माध्यम से की जा रही है।

पुलिस ने आमजन से अपील की है कि अगर उन्हें इस तरह के किसी संदिग्ध नंबर से मैसेज मिले या किसी भी तरह की पैसों की मांग हो, तो बिना पैसे ट्रांसफर किए तुरंत पुलिस को सूचित करें।

यह घटना बताती है कि साइबर अपराधी अब प्रशासनिक अधिकारियों की छवि और पहचान का भी गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को सजग रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की आवश्यकता है।

इस मामले ने प्रशासनिक हलकों में भी चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इससे न केवल आम लोगों को नुकसान पहुंच सकता है, बल्कि अधिकारियों की विश्वसनीयता और छवि पर भी प्रभाव पड़ सकता है। पुलिस जल्द ही आरोपी को पकड़ने का दावा कर रही है और तकनीकी जांच के जरिए उसकी पहचान सुनिश्चित करने में जुटी है।

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