ASI नरेंद्र सिंह परिहार की हत्या की गुत्थी सुलझी,आरोपी गिरफ्तार…NV न्यूज़

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N.V. न्यूज़ कोरबा :होली के ठीक अगले दिन कोरबा के बांगो थाना में तैनात एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया हैं। हत्यारा स्थानीय हैं। कड़ाई से हुई पूछताछ में उसने एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार की ह्त्या की बात कबूल ली हैं।

पुलिस द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया हैं की 9 मार्च के दरम्यानी रात को सउनि नरेन्द्र सिंह परिहार की मर्डर होने से थाना प्रभारी बांगो द्वारा जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकरियों को घटना के संबंध में सूचना दिया. इसके बाद पुलिस अधीक्षक  उदय किरण, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कटघोरा  ईश्वर त्रिवेदी फोरेंसिक टीम, डॉग स्क्वायड , सायबर सेल के टीम घटना स्थल पर पहुंचे घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर पुलिस अधीक्षक  उदय किरण ने आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

पुलिस महानिरीक्षक  बी एन मीना,बिलासपुर रेंज द्वारा घटना स्थल निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। प्रकरण में थाना बांगो में अपराध क्रमांक 46 / 2023 धारा 458, 302 भादवि के तहत प्रकरण दर्ज कर  पुलिस अधीक्षक कोरबा द्वारा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में जल्द से जल्द अज्ञात आरोपी को पकड़ने टीम गठित किये।

अज्ञात आरोपी की पतासाजी हेतु एफएसएल टीम, डॉग स्क्वायड कोरबा एवम बिलासपुर की सयुंक्त सायबर टीम को घटना स्थल का निरीक्षण कर अपने-अपने काम में लग गई। मामले में अज्ञात आरोपी की पतासाजी हेतु पुलिस टीम विभिन्न पहलुओं पर बारीकी से अनुसंधान कर रही थी। सयुंक्त सायबर टीम मामले की बारीकी से जांच कर रही थी साइबर टीम द्वारा घटना का समय जो रात्रि 12 बजे से सुबह 06:30 बजे के बीच का होने से उस समय का तकनीकी विश्लेषण किया जा रहा था जिसमें विश्लेषण के आधार पर संदेही करण गिरी को अडेंटिफाई किया गया।

घटना कारित करने के बाद नदी के पास झाड़ी में टंगिया को छिपा दिया था जिसे आरोपी के निशानदेही पर जप्त किया गया। घटना में प्रार्थी एवं गवाहों का कथन, निरीक्षण घटना स्थल, पीएम रिपोर्ट, जप्तशुदा टांगी, कपडा एवं तकनीकी साक्ष्य के आधार पर आरोपी करन गिरी पिता राजकुमार गिरी उम्र 25 वर्ष साकिन ठिहाईपारा बावापारा कोनकोना थाना बांगो जिला कोरबा छ.ग. के द्वारा अपराध धारा सदर का घटित करना पाये जाने से विधिवत गिरफ्तार कर मामला अजमानतीय होने से आरोपी को न्यायिक रिमाण्ड पर न्यायालय पेश किया जाता है।’

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